84 की घटना दंगा नहीं नरसंहार थी: गृहमंत्री

नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 1984 की घटना को सिर्फ दंगा कहना सही नहीं है। वह नरसंहार था जिसमें कई बेगुनाहों को कत्ल कर दिया गया। कई परिवार बर्बाद हो गए और कइयों ने अपनों को खोया। यह भारतीय समाज व संस्कृति पर बदनुमा दाग है। 30 वर्ष पहले हुई इस घटना का दर्द सिख पीड़ितों में आज भी है। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सरकार ने शिकायत निवारण कमेटी गठित की है। इसके प्रमुख सेवानिवृत्त जज बनाए गए हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।

राजनाथ सिंह शुक्रवार को तिलक विहार में दंगा पीड़ितों को चेक वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आदेश जारी किया गया है कि वहां रहने वाले 84 के दंगा पीड़ित परिवारों को भी जल्द सहायता राशि प्रदान की जाए। आयोजन के दौरान 16 दंगा पीड़ित सिख परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक दिया गया।

कार्यक्रम में मौजूद उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि 1984 में हुई घटना आज भी लोगों के दिलो-दिमाग में ताजा है। वह वीभत्स व दर्दनाक घटना थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि सिख दंगे में दिल्ली में कत्लेआम हुआ था, इस पर पूर्व में सिर्फ राजनीति की जाती रही। हमें उन प्रभावित परिवारों के साथ संवेदना है। पश्चिमी दिल्ली के सासंद प्रवेश वर्मा ने घोषणा की कि तिलक विहार में दंगा पीड़ित परिवारों को मिले मकानों का मालिकाना हक दिया जाएगा।

साथ ही सरकार पुराने मकानों की मरम्मत भी करवाएगी। उन्होंने प्रभावित परिवार के युवकों को सरकारी नौकरी दिलवाने का भरोसा भी दिया। मंच का संचालन पश्चिमी जिला के उपायुक्त (राजस्व) सीआर गर्ग ने किया। इस मौके पर दिल्ली के मुख्य सचिव डीएम स्पोलिया, विधायक आरपी सिंह, मनजिंदर सिंह सिरसा, पूर्व विधायक ओपी बब्बर आदि मौजूद रहे।

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