SE ने CMD को आंकड़ों में उलझाया, तिलमिलाए CMD मीटिंग छोड़ गए

ग्वालियर। मप्र वितरण कंपनी के नये सीएमडी विवेक पोरवाल और ग्वालियर संभाग के अधीक्षण यंत्री अरूण शर्मा राजस्व आंकड़ों में बाजीगरी के चलते उलझ गये, जिसके चलते सीएमडी ने बैठक को बीच में ही समाप्त कर दिया।

दरअसल अधीक्षण यंत्री अपने रसूख के चलते चार अफसरों की सीनियर्टी को दरकिनार कर अधीक्षण यंत्री के प्रभार में हैं। आंकड़ों में बाजीगरी दिखाकर ग्वालियर में राजस्व बसूली में आने वाली कमी को लेकर आंकड़ों को सीएमडी ने गलत बताया। जबकि प्रभारी अधीक्षण यंत्री आंकड़ों को सही बताते रहे, इस पर सीएमडी ने पोरवाल में कहा कि यदि आंकड़े सही नहीं हैं तो में भोपाल से सही आंकड़े लेकर ही बैठक करूंगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि भोपाल और ग्वालियर की स्थिति एकदम उलट है। राजस्व बसूली भोपाल की तर्ज पर संभव नही हैं, जबकि सीएमडी राजस्व में इजाफा की बात कर रहे हैं। अब देखना हैं कि करंट चार्ज में जमे अधीक्षण यंत्री सीएमडी को सही आंकड़े बताते हैं या नहीं।

भाजपा ने ग्वालियर में बदले चार प्रत्याशी
ग्वालियर। लिस्ट जारी होने से नामांकन वापिसी के आखिरी दिन तक भाजपा में चार वार्डों में उम्मीदवारों को बदल दिया है। तमाम दबाब और हंगामा तथा कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुये वार्ड 40 से नन्हे कुशवाह की जगह धर्मेन्द्र कुशवाह वार्ड 46 में निषिकांत मोघे की जगह आशुतोष माहेश्वरी वार्ड 55 में श्रीमती राजू कुशवाह की जगह सलीम वानो तथा वार्ड 59 में संध्या अतिवल सिंह का टिकट काटकर करूणा स्वतंत्र सक्सेना को प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अलावा भी विरोध देखने को मिला, लेकिन नाम नहीं बदले गये।

लुप्त हो चुकी सोन चिरैया के लिये बनेगा करोड़ों का आशियाना
ग्वालियर। करीब 3-4 साल से गायब सोन चिरैया जिसके नाम पर करोड़ों रूपये का बजट ठिकाने लगाया जा रहा है। किसानों गांव वालों को जमींन बेचने नहीं दी जा रही। पूरा क्षेत्र अस्त-व्यस्त है, लेकिन वन विभाग ने काल्पनिक सोन चिरैया के लिये 100 हेक्टेयर जमींन को बरईपुर क्षेत्र के भटपुरा गांव के पास चुनकर अनुकूल बनाने की तैयारी करते हुये, पूरे एरिया में तारफेंसिंग कर जाली से कवर किया जायेगा। इसके बाद विभाग इस क्षेत्र में सोन चिरैया को स्थापित करने की योजना भी बनायेगा। सोन चिरैया अभ्यारण घाटीगांव आरसी शर्मा अधीक्षक ने माना है कि 2011 में सोन चिरैया आखिरी बार देवखो और सुजवाया गांव के बीच में नींमडाडा के आसपास देखी गई थी, साथ ही उसके अड्डे का खोल भी मिला था, उसके बाद नहीं देखी गई। इससे पूर्व 2008 में सोन चिरैया देखी गई थी, उसके बाद इस चिड़िया को ग्वालियर रेंज में नहीं देखा गया। अधिकारियों की मानें तो सोन चिरैया राजस्थान के जोधपुर वाड़मेर और जेसलमेर में मौजूद है। वहां करीब 80 सोन चिरैया बताई जाती हैं।
क्षेत्र के हजारों किसानों को परेशान करने हेतु सोन चिरैया के नाम पर अधिकारियों द्वारा अपनी जेबें भरी जा रही हैं। लोगों का कहना है कि सोन चिरैया के नाम पर किसानों का शोषण हो रहा है। अधिकारी मजे कर रहे हैं।


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