भाजपा: खुलकर सामने आए बागी, कर रहे हैं चुनाव प्रचार

भोपाल। अधिकृत उम्मीदवारों को बी फार्म देने के बाद अब भाजपा को बागियों से निपटने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्रियों के रिश्तेदार भी टिकट नहीं मिलने व चहेतों की अनदेखी से इस कदर नाराज हैं कि चुनाव मैदान में बागी बनकर संगठन को चुनौती देने सामने आ गए हैं।

पार्टी को जोर का झटका विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा के भाई गिरिजा शंकर ने दिया है। समर्थक को टिकट नहीं मिलने से नाराज शर्मा नगर पालिका अध्यक्ष के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र पांडे के साथ खुलकर प्रचार करते नजर आ रहे हैं। उनके साथ नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रमोद सोनी, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमीन राईन और नगर महामंत्री गोविंद राय सहित रामू चौहान ने भी पार्टी से बगावत कर दी है।

बागियों की सूची में दूसरा नाम पूर्व मंत्री और खजुराहो से सांसद नागेंद्र सिंह की बहू कामाख्या सिंह का है। उन्हें पार्टी ने नागौद नगर पालिका अध्यक्ष का अधिकृत उम्मीदवार नहीं बनाया। इससे नाराज कामाख्या सिंह ने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय परचा भर चुनौती देने का ऐलान किया है।

इस बीच प्रदेश अपील समिति के सामने सुनवाई नहीं होने और खरगोन में उम्मीदवार नहीं बदले जाने से नाराज पार्टी कार्यकर्ता खरगोन भाजपा कार्यालय में आपस में ही भिड़ गए। यहां कई वार्डों में अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ नेताअों ने निर्दलीय परचे भरे हैं।

जोड़तोड़ से कई जगह जीत
भाजपा को कई सीटों पर बगैर किसी चुनौती के जीत भी मिली है। खुरई में कांग्रेस के सभी उम्मीदवार निर्दलीय बन गए हैं। यहां बीफार्म जमा करने में हुई गफलत के बाद भाजपा को सिर्फ निर्दलीयों से चुनौती है। भाजपा इस सीट से हमेशा हारती आई है। इसी प्रकार तेंदूखेड़ा नगर परिषद अध्यक्ष सहित 10 पार्षद निर्विरोध चुनकर आ गए हैं। सागर गढ़ाकोटा के 18 वार्डों में से भाजपा के 12 पार्षद निर्विरोध चुन लिए गए हैं।

इनका कहना है
जिन पार्टी नेताओं ने संगठन के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय के रूप में परचे दाखिल किए हैं उन्‍हें नोटिस दिया जाएगा। पार्टी ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
नंदकुमार चौहान, प्रदेशाध्यक्ष

प्रदेशाध्यक्ष से महिला मोर्चा ने जताई नाराजगी

नगरीय निकाय चुनाव में महिला मोर्चा की अनदेखी से नाराज पदाधिकारियों ने शनिवार को प्रदेशाध्यक्ष से नाराजगी जताई। मोर्चे की नाराजगी और प्रचार से दूरी बनाने की खबरें आने के बाद संगठन ने महिला पदाधिकारियों को इससे पहले अलग से बात करने का आश्वासन दिया था।

शनिवार को प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की मौजूदगी में हुई बैठक के दौरान मोर्चे की पदाधिकारियों ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा में महिला नेताओं की अनदेखी हुई थी।
नगरीय निकाय चुनाव में जिन निकायों में सीटों का आरक्षण सामान्य श्रेणी में हुआ था वहां भी संगठन ने पुरूष उम्मीदवारों को टिकट देकर पार्टी की गाइड लाइन का उल्लंघन किया है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में हुई चर्चा के दौरान मोर्चे को समझाइश देते हुए संगठन ने चुनाव बाद महत्वपूर्ण पदों पर एडजस्ट किए जाने का भरोसा भी दिया है।

बैठक समाप्त होने के बाद महिला मोर्चे ने चुनाव प्रचार की रणनीति बनाना शुरू कर दी है। सभी 10 नगर निगम क्षेत्रों, 64 नगरपालिका और 205 नगर पंचायत क्षेत्रों में चुनाव कार्य के लिए महिला प्रभारी तैनात किए गए हैं। महिला नेत्रियों को डोर टू डोर जनसंपर्क करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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