भोपाल। गुमशुदा बच्चों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अंतत: होम मिनिस्ट्री एक्टिव हो गई है। राज्य के गृह और जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी को गंभीर मामला बताते हुए इनकी तलाशी में तेजी लाने के पुलिस को निर्देश दिए हैं।
सनद रहे कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने मप्र, छग और बिहार की सरकारों को इस मामले में लताड़ लगाई थी। देश में तीनों राज्यों की पुलिस नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी के मामलों में सबसे ज्यादा लचर साबित हुईं हैं। इस मामले में याचिका बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से लगाई गई है।
अपने निवास पर पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह से चर्चा करेते हुए गृहमंत्री ने कहा कि बच्चों के गायब होने में अपहरण करने वाला कोई गिरोह तो सक्रिय नहीं है इस दिशा में भी जांच की जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 18 वर्ष से कम आयु के लड़के-लड़कियों के गुम होने के पीछे के कारणों को जानना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यह तभी होगा जब तेजी से तलाश कर इन बच्चों को खोजा जाये। इससे यह भी साफ होगा कि बच्चों को गायब करने में किसी अपहरण करने वाले गिरोह का हाथ तो नहीं है। बच्चों के गायब होने पर हर हालत में रोक लगना चाहिये।
श्री गौर ने डीजीपी से कहा कि प्रदेश के महानगरों में ट्रेफिक नियमों की जागरूकता बढाने के लिये 14 महानगर में चल रहे अभियान को पूरी तेजी से चलाया जाये। यह महज चालानी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहिये। पुलिस चौराहों और सड़कों पर वाहन चालकों को ट्रेफिक नियमों की जानकारी और समझाइश देते नजर आना चाहिये।
श्री गौर ने रात के समय अपराधों पर कारगर रोक लगाने के लिये पुलिस की रात्रि गश्त को मुस्तैद करने को कहा।