मुंबई/ नई दिल्ली। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा हाल ही में ओवैसी की पार्टी एमआईएम के बारे में दिए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने ओवैसी और बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'क्या बीजेपी ने ओवैसी की पार्टी से डील कर ली है? अब तक बीजेपी ओवैसी को लेकर बेहद आक्रामक थी। यहां तक कि बीजेपी के कई नेताओं ने ओवैसी को देशद्रोही तक कहा था, लेकिन भाजपा को महाराष्ट्र विधानसभा में ओवैसी की पार्टी ने समर्थन दिया।'
इस कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि एमआईएम दिल्ली में चुनाव लड़ रही है। अगर एमआईएम दिल्ली में चुनाव लड़ती है तो इसका फायदा निश्चित रूप से बीजेपी को ही होगा। क्या बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथी एक ही सिक्के के दो पहलू नहीं है?'
भाजपा की रणनीति हुई कामयाब
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा ने विश्वास मत हासिल करने के लिए जो रणनीति अपनाई थी, उसमें वह ओवैसी को भी साधने में कामयाब रही। जब सदन में फडणवीस सरकार के विश्वास मत के दौरान वोटिंग हो रही थी, तब मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के दो विधायक अनुपस्थित थे। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला और विपक्ष की एकता बिखर गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सभी चीजों का श्रेय ले रहे हैं जो उन्होंने नहीं की हैं। वे दोहरी बात करने के माहिर हैं। कांग्रेस महासचिव ने ट्विटर पर लिखा कि 'पहले मानव संसाधन विकास मंत्री और अब मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने फर्जी मार्कशीट दी और अब वे आरएसएस पाठ्य पुस्तकों और भारतीय इतिहास को बदलना चाहते हैं।
अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता के मुकाबले बहुसंख्यक सांप्रदायकिता ज्यादा खतरनाक
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, 'पंडित नेहरू ने सही कहा था कि अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता के मुकाबले बहुसंख्यक सांप्रदायकिता ज्यादा खतरनाक है। ऐसा इसलिए कि बहुसंख्यक सांप्रदायिकता देश भक्ति का प्रौपेगैंडा फैलाती है और दुर्भाग्य से भोली-भाली जनता इसमें फंस जाती है। जब पब्लिक को अहसास होता है तो काफी देर हो चुकी होती है।'