भोपाल। सामान्यत: शिवराज सिंह चौहान मिर्चमसाले वाली राजनीति से बचते हैं और कमलनाथ भी राजनीति को बिजनेस की तरह ही करते हैं परंतु यह पहली दफा है जब दोनों अपनी अपनी पटरियों से उतर गए। शिवराज ने कमलनाथ पर देसीबम के हमले किए तो कमलनाथ भी गुस्से में आ गए।
मेडीकल कॉलेज के मामले में सिंधिया के बाद उन्होंने कमलनाथ को भी घेर डाला। इधर सिंधिया तिलमिलाए हुए हैं तो कमलनाथ भी गुस्से में आ गए हैं। छिंदवाड़ा की मीडिया को मेडीकल कालेज मामले में उन्होंने वे पत्र दिखाए जो कलेक्टर एवं मप्र शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के बीच हुए हैं, जिनमें छिंदवाड़ा शहर के करीब अर्जुनबाड़ी में 20 हेक्टेयर जमीन आवंटन के बारे में जानकारी है। बीते 2 महीने के बीच हुए पत्राचार छिंदवाड़ा, शिवपुरी, रतलाम, शहडोल एवं विदिशा में मेडीकल कालेज खोले जाने की पुष्टि करते हैं।
खुद मुख्यमंत्री विदिशा में मेडीकल कालेज खुलवाने के लिए सुषमा स्वराज को बधाई देते हैं वहीं कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर मेडीकल कालेज मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं। शिवराज के इन आरोप से बेहद नाराज कमलनाथ ने पहली बार तीखे शब्दों में कहा कि शिवराज को झूठ बोलने की आदत पड़ गई है, झूठा व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता, खुद तो हंसी का पात्र बनता ही है, उसके झूठ की कीमत समाज को चुकानी पड़ती है।
मध्यप्रदेश में ऐसा ही हो रहा है, जहां भ्रष्टाचार है, कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है, 15 हजार से अधिक किसान आत्महत्याएं कर चुके हैं, 7,769 दलिता-आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुा, 8,000 हजार से अधिक बेटियां मध्यप्रदेश से गायब हैं, जिनमें से 44 प्रतिशत आदिवासी बच्चियां हैं, यह है मध्यप्रदेश की वास्तविक तस्वीर। इस सच्चाई को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री ने खुद के प्रचार पर 1,000 हजार करोड़ से अधिक विज्ञापन पर खर्च कर दिए।