सुषमा स्वराज के समर्थन में आई कांग्रेस, पढ़िए अरुण यादव के अखबारी आंसू

भोपाल। गुना लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपवित्र गठबंधन का आरोप झेल रहीं सुषमा स्वराज के समर्थन में अब पूरी कांग्रेस उतर आई है। सिंधिया के समर्थन से प्रदेश अध्यक्ष बने अरुण यादव सुषमा के कथित अपमान पर अखबारी आंसू बहा रहे हैं।

मीनाक्षी नटराजन को 'टंचमाल' कहने वाली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने इसे भारत की महिला जाति का अपमान करार दिया है, आप भी पढ़िए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के अखबारी आंसू जो एक प्रेसनोट की शक्ल में अखबारों तक पहुंचाए गए:-

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने कल शिवपुरी के हैलीपेड पर भाजपा की सबसे बड़ी नेत्री और लोकसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज के साथ भाजपा ने जो अपमानजनक बर्ताव किया, उसको भाजपा का ‘‘महिला विरोधी असली चेहरा’’ बताते हुए कहा है कि  सुषमा जी कल गुना संसदीय क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी जयभानसिंह पवैया के चुनाव-प्रचार के लिए शिवपुरी पहुंची थीं। पार्टी के अन्य नेताओं की बात तो दूर, वहां के प्रत्याशी पवैया भी अपनी राष्ट्रीय नेत्री की अगवानी के लिए हैलीपेड पर मौजूद नहीं थे। ऐसी दशा में नेत्री के द्वारा क्रोधित होना स्वाभाविक ही था।

आपने कहा है कि सुषमा स्वराज के अपमान और अवमूल्यन की इस घटना को भाजपा का पारिवारिक मामला मानकर नहीं छोड़ा जा सकता। जिस पार्टी का एक पत्ता भी प्रदेश में शिवराजसिंह और देश में नरेन्द्र मोदी के इशारों के बिना न हिलता हो, उसमें पार्टी की संस्थापक महिला नेत्री को सार्वजनिक रूप से इस तरह अपमानित होना पड़े, यह देश की नारी शक्ति का खुला अपमान है। भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में जो नया समीकरण बना है, सुषमाजी वास्तव में उसी समीकरण का शिकार हुई है। शिवराज भी उन्हें अब अधिक दिन विदिशा में झेल नहीं पा रहे हंै, क्योंकि विदिशा को वे अपना मैदान मानते हैं। वे नहीं चाहते कि सुषमा स्वराज उस मैदान पर यूं ही हमेशा बल्लेबाजी करती रहें।

श्री यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी दिखाने के लिए तो स्त्री शक्ति के सम्मान और उसकी पूजा के संबंध मंे आये दिन बहुत से पाखंड करती रहती है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि वह अपनी मूल फितरत में स्त्री विरोधी पार्टी है। वह स्त्रियों को कोमल भावनाओं को दोहन कर राजनीति में सफलताएं हांसिल करती है और फिर उनकी चिंता नहीं करती। पार्टी ने ऐसी रणनीति बना रखी है कि स्त्री हित में पांच रूपये का काम करके उसको पूरी ताकत से प्रचारित कर पांच हजार का राजनीतिक फायदा उठाया जाए। म.प्र. के पिछले दो विधान सभा चुनावों में भाजपा की इस भूमिगत रणनीति के असली रूप को प्रदेशवासी देख चुके हैं। प्रदेश में भाजपाराज में महिलाओं की प्रगति और सुरक्षा तो गंभीर खतरे में पड़ी हुई है, क्योंकि सरकार की चंद तथाकथित महिला हितैषी योजनाओं (?) के करोड़ों के सरकारी खर्च पर ऐसी हवा बनाई गई जैसे म.प्र. में महिलाओं के हितों के अलावा कुछ हो ही नहीं रहा है।

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने आगे कहा है कि सुषमाजी के अपमान की इस घटना ने भाजपा का असली चेहरा अनायास ही बेनकाब कर दिया है। आखिर सरकारी प्रचार के शोरगुल के पीछे भाजपा अपने स्त्री विरोधी काले चेहरे को कितने दिन छिपाये रख सकती है। अच्छा हुआ, वह लोकसभा चुनाव के समय स्त्रियों के सामने आ गया । अब प्रदेश के मतदाता भाई-बहन भाजपा की इस असलियत को अपने सामने रखकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

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