भोपाल। सन् 2011—2012 में संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद नौकरी की आस में बैठे अभ्यर्थियों के लिए बुरी खबर है। शासन शेष बचे पदों पर भर्ती के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करवाने जा रहा है। इस संदर्भ में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। चुनाव बाद इसकी घोषणा की जा सकती है।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में रिक्त 68,293 पदों पर पहले और दूसरे चरण की भर्ती के बाद 26,205 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए शासन ने वर्ष 2011 और 2012 में व्यापमं के माध्यम से संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की पहले और दूसरे चरण में मैरिट के आधार पर नियुक्ति कर ली गई है।
शेष पदों पर भर्ती चुनाव के कारण अटकी हुई है। ऐसे में शासन ने वर्ष 2011 और 2012 की पात्रता परीक्षा को अगली भर्ती तक वैध मानने का निर्णय लिया था ताकि इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा न देनी पड़े लेकिन अब मामला पात्रता परीक्षा में फर्जीवाड़े का है।
शासन को यह संदेह है कि वर्ष 2011 और 2012 में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर संविदा शिक्षक बने कर्मचारियों की अंकसूचियों में गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए नई भर्ती के लिए फिर से पात्रता परीक्षा कराने पर विचार चल रहा है। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग ने संविदा शिक्षक वर्ग-एक के 3300 नए पद जारी कर दिए हैं।
ओपन बोर्ड मामले में कमेटी करेगी विचार
राज्य ओपन बोर्ड मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की अनुशंसा पर विचार करने के लिए शासन स्तर से गठित कमेटी जल्द ही अपनी अनुशंसा शासन को भेजेगी। कमेटी की बैठक जल्द ही होगी। इन अनुशंसाओं को लागू करने के बाद राज्य ओपन बोर्ड की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन हो जाएगा। अक्टूबर-13 में एसटीएफ के निशाने पर आए ओपन बोर्ड में बड़े फर्जीवाड़े पकड़ में आए थे।
यहां 23 हजार छात्रों की अंकसूचियों में गड़बड़ी पाई गई है। मामले की जांच के दौरान एसटीएफ को ओपन बोर्ड के सिस्टम में काफी गड़बड़ी और लापरवाही मिली थीं, जिसकी बाकायदा रिपोर्ट तैयार कर 16 बिंदुओं पर ओपन बोर्ड को सुझाव दिए गए। बोर्ड प्रबंधन ने एग्जीक्यूटिव कमेटी के सामने सुझाव रखे। कमेटी ने संचालक लोक शिक्षण राजेश जैन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है।