भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी अपने बच्चे की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के दो साल का अवकाश ले सकती है।
न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौडा ने कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश निरस्त करते हुए यह व्यवस्था दी.
हाईकोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) के नियम बच्चों की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के 730 दिन के अवकाश की इजाजत नहीं देते हैं. न्यायाधीशों ने कहा, परिपत्रों और नियम 43-सी के अवलोकन से पता चलता है कि 18 साल से कम आयु के नाबालिग बच्चे की मां सरकारी महिला कर्मचारी अधिकतम 730 दिन का बगैर किसी व्यवधान के अवकाश ले सकती है. बच्चों की देखभाल सिर्फ छोटे बच्चे को पालने पोसने के लिए नहीं बल्कि उनकी परीक्षा और बीमारी जैसी जरूरतों के लिए भी है.