मध्यप्रदेश में फर्जी PMT PASS डॉक्टरों की संख्या 4500

भोपाल। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की पीएमटी-2012 और 2013 में सामने आई गड़बडिय़ों के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अब इससे तीन साल पहले तक के प्री मेडिकल टेस्ट को भी जांच के दायरे में ले रही है।

इससे प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे करीब साढ़े चार हजार विद्यार्थी भी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच के दायरे में आ जाएंगे।

एसटीएफ का तर्क है कि इन मामलों की जांच के दौरान मिले सबूत संकेत दे रहे हैं कि वर्ष 2009 से 2011 तक हुई पीएमटी में भी गड़बडिय़ां हुई होंगी। सूत्रों के मुताबिक करीब 15 दिन पहले एसटीएफ ने एक पत्र जारी कर व्यापमं से इस संबंध में जानकारी मांगी है। साथ ही कहा गया है कि व्यापमं वर्ष 2009, 2010 व 2011 में हुई पीएमटी के लॉजिक और परीक्षा परिणाम की अपने स्तर पर भी जांच करे। व्यापमं के पीआरओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि पत्र मिलने के बाद मंडल में उपलब्ध जानकारी एसटीएफ को भेज दी गई है।

एसटीएफ के मुताबिक व्यापमं के तत्कालीन प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा, अजय सेन व चंद्रकांत मिश्रा इन परीक्षाओं के दौरान भी मंडल में पदस्थ रहे हैं। पीएमटी और प्रीपीजी के अलावा अन्य परीक्षाओं में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आने के बाद इनकी भी जांच शुरू की गई है।

वर्ष 2006 से 08 तक का डाटा नहीं

व्यावसायिक परीक्षा मंडल के सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने वर्ष 2006, 2007 व 2008 में हुई पीएमटी के भी दस्तावेज मंडल से मांगे थे। लेकिन मंडल के पास इन परीक्षाओं का महज डिजिटल डाटा ही मौजूद है, जबकि एसटीएफ को जांच के लिए असल दस्तावेज ही काम आते हैं।

कुछ अन्य परीक्षाओं की भी जांच करेगी एसटीएफ

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक व्यापमं के जरिए हुई ड्रग इंस्पेक्टर, वन रक्षक और लोक निर्माण विभाग की विभागीय परीक्षा की भी जांच की जा रही है। फरवरी 2013 में 16 पदों के लिए हुई ड्रग इंस्पेक्टर की परीक्षा में करीब 11 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे, जबकि मार्च 2012 में दो हजार से ज्यादा पदों के लिए हुई वन रक्षक परीक्षा में सवा तीन लाख परीक्षार्थी बैठे थे। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग की दो पदों के लिए हुई विभागीय परीक्षा में करीब 1100 उम्मीदवार शामिल हुए थे।

तीन करोड़ रुपए से भरा बक्सा एसटीएफ ने अदालत में जमा कराया

पीएमटी-2012 और प्रीपीजी-2012 में आरोपियों से जब्त हुए दो करोड़ 76 लाख रुपए एसटीएफ ने शुक्रवार को अदालत में जमा करवाए। इसमें पीएमटी-2012 के आरोपियों से 87 लाख 20 हजार रुपए व प्रीपीजी-2012 के आरोपियों से एक करोड़ 88 लाख 80 हजार रुपए शामिल हैं। इससे पहले एसटीएफ ने पीएमटी-2013 के आरोपियों से जब्त की गई दो करोड़ 72 लाख रुपए इंदौर की अदालत में जमा करवाए थे।

हर साल 1566 सीट के लिए होती थी पीएमटी

प्रदेश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में 1566 सीटों के लिए पीएमटी आयोजित की जाती थी। इनमें सरकारी कोटे की सात सौ सीटें होती थीं, जबकि बाकी अभ्यर्थियों के दाखिले निजी मेडिकल कॉलेजों में दिए जाते थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 से पीएमटी प्रदेश के 14 शहरों में आयोजित की जाने लगी थी। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन, शहडोल, रीवा, छतरपुर, मंदसौर और देवास आदि शहर शामिल हैं। इससे पहले इसे प्रदेश के 21 शहरों में आयोजित किया जाता रहा है।

14 मार्च तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

व्यापमं परीक्षाओं में हुई गड़बडिय़ों के मामले में जेल में बंद तत्कालीन प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा, परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के जीएम प्रदीप रघुवंशी की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 मार्च तक के लिए बढ़ा दी गई है। शुक्रवार को सीजेएम ने एसटीएफ की ओर से पेश अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिए।

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