भाजापा के युवा चेहरे और मेनका गाँधी के सुपुत्र श्री वरुण गाँधी सुल्तानपुर से चुनाव लड़ेंगे. वे वर्तमान में पीलीभीत से सांसद हैं और वे अति शिक्षित व्यक्ति हैं. इनका जन्म १३ -३-१९८० को हुआ था. आइये देखते हैं की इनकी चुनावी कुंडली क्या कहती है :-
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये
छठे घर का उपनक्षत्र स्वामी राहू तृतीय भाव में स्थित है. वह चंद्रमा के उपनक्षत्र में है जो द्वितीय भाव में है.
दशम का उपनक्षत्र स्वामी चन्द्रमा मंगल के उपनक्षत्र में है जो तृतीय भाव में है.
लाभस्थान का उपनक्षत्र स्वामी शनि चतुर्थ में है और वह सूर्य के उपनक्षत्र में है जो अष्टम भाव में है.
इस समय चंद्रमा द्वितीय भाव में है और मंगल के उपनक्षत्र में है जो तृतीय भाव में है.
इनकी विजय अत्यधिक असाध्य लग रही है क्योंकि चन्द्रमा और लाभेश दोनों ही साथ नहीं दे रहे हैं. महादशा सूर्य की है अंतर मंगल का और दोनों ही लाभेश से जुड़े हुए नहीं है.
निष्कर्ष :आपकी जीत अत्यधिक कठिन है और जहाँ तक समभव है आप विजयी नहीं हो पायेंगे.
उपाय : बजरंग बाण का ११००० बार जाप करने से या किसी सिद्ध ब्राह्मण द्वारा करवाने से आपका कार्य बन सकता है.
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