भोपाल। मध्यप्रदेश में संविदा शिक्षक/अध्यापक संवर्ग योजनाबद्ध तरीके से दो भागों में तो बांटा ही जा चुका था। अब उसके कई टुकड़े हो गए हैं और सभी गुट आपस में उलझे हुए दिखाई देने लगे हैं। मुरलीधर पाटीदार के विधायक बन जाने के बाद पाटीदार समर्थक, शेष सारे संगठनों को अंगूठा दिखा रहे हैं। जबकि दूसरे दल उन्हें गद्दार करार दे रहे हैं।
पिछले दिनों पाटीदार समर्थकों ने सोशल मीडिया पर 'आम अध्यापकों' पर कई फब्तियां कसीं। अब आम अध्यापक की ओर से उन पर खुला हमला किया गया है। पढ़िए क्या कुछ बयां किया गया है आम अध्यापक की ओर से पाटीदार समर्थकों के लिए
कुछ दिनों से कुछ अंधभक्त आम अध्यापको को पता नहीं किन उपाधियो से अलंकृत कर रहे है।
1. कोई नालायक कहता है
2. कोई समाज विरोधी कहता है।
3. कोई ऊँगली कटाकर शहीद होने वाला बताता है।
मैं ऐसे लोगो से पूछना चाहता हूँ की ये लोग अध्यापक हित मैं तो पिछले एक वर्ष से कुछ कर नहीं रहे और एक धोकेबाज़ को टिकिट दिलवा कर अपनी अंधभक्ति साबित भी कर चुके है।
अगर आम अध्यापक नालायक है तो आज तक इनके अंधभक्तो के घर के लोग आन्दोलनो मैं शामिल होते आये है?? या बिना आम अध्यापक के इन बिकाऊ नेताओ ने अकेले आन्दोलन किया है। किसी के बाप मैं दम नहीं की आम अध्यापको के बिना आन्दोलन करके बता दे।
आम अध्यापक नालायक है तो जिन्होंने एक वर्ष से कुछ नहीं किया वो क्या लायक है? जिनके नाम की ये अंधभक्त खा रहे है उनको ही बदनाम क्यों कर रहे है?
एक अंधभक्त कहता है की आम अध्यापक ऊँगली कटाकर शहीदों मैं नाम करते है तो ऐसे चमचे से पूछना चाहता हूँ की
1. आज तक कितने चमचे ससपेंड हुए वो बताये?
2. आज तक कितने अंधभक्तो का वेतन काटा गया वो बताये??
सिर्फ आम अध्यापक का वेतन काटा गया सिर्फ आम अध्यापक ससपेंड हुआ कोई चमचा या अंधभक्त नहीं अब बताओ कोन ऊँगली कटाकर शहीद हुआ है?
पहले नेता को सरकार का गुलाम बनाया और अब आम अध्यापक को बदनाम करके मिटटी मैं मिलाना चाहते है।
अब जाग जाओ भाइयो नहीं तो ऐसे ही राजनीति मैं पिसते जाओगे और लोग अपनी रोटियाँ सेकते रहेंगे।
जय आम अध्यापक