दीवार पर अडवाणी हैं तो क्या, दिल में तो मोदी बसे है: शिवराज

भोपाल। दीवार पर अटल आडवाणी की तस्वीरें लगीं हैं तो क्या, दिल में तो मोदी बसे हैं। यह जवाब शनिवार को हैंगाआउट पर लाइव चैट के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय राजनीति की बजाय फिलहाल प्रदेश की राजनीति में ही सक्रिय रहना चाहते हैं। शनिवार को माइक्रो ब्लागिंग हैंगआउट पर हुई लाईव चैट में शिवराज से उनकी राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका को लेकर सवाल किया गया तो बचते हुए उन्होंने साफ कहा कि वह मप्र में ही ठीक है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तर्ज पर मुख्यमंत्री शिवराज ने शनिवार को हैंगआउट किया। 

जनता के साथ जीवंत संपर्क बनाए रखने वाले शिवराज ने गूगल हैंगआउट ने पहली मर्तबा पर युवाओं से संवाद किया। सवाल-जवाब के इस सिलसिले में यूं तो शिवराज विकास के मुद्दे पर अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाई। लेकिन जब बात पार्टी के मची घमासान की आई तो वे थोड़े बैकफुट पर नजर आए। करीब घंटे भर तक मुख्यमंत्री देशभर के युवाओं से सीधा संवाद करते रहे। इस दौरान शिवराज ने मोदी की तारीफ की। मोदी के कारण पार्टी में घबराहट होने की प्रश्न पर शिवराज बोले कि उन्हें लेकर पार्टी के किसी नेता में कोई घबराहट नहीं है। प्रदेश के विकास पर चर्चा हुई तो भ्रष्टाचार का मुद्दा भी छाया रहा।

तस्वीर में आडवाणी, मन में मोदी

शिवराज उस समय थोड़े असहज हो गए जब उनसे एक युवा ने सवाल किया कि आपके पीछे अटल और आडवाणी की तस्वीर लगी है लेकिन पीएम के दावेदार नरेंद्र मोदी की नहीं है। इस पर चौहान ने स्पष्टीकरण देकर जाहिर करते हुए कहा कि अटल-आडवाणी और मोदी हमारे मार्गदर्शक है। मोदी की तस्वीर नहीं होने पर उन्होंने कहा कि मोदी जी की तस्वीर मैंने मन में सजा रखी है।

सुषमा के समर्थन में उतरे

सुषमा स्वराज के बयानों के मामले में उनके समर्थन में उतरते हुए शिवराज ने कहा कि कुछ मुद्दों पर असहमति हो सकती है लेकिन पार्टी का भी एक लोकतंत्र होता है और सबको अपनी बात रखने का अधिकार हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि पार्टी में बिखराव है। भाजपा में आंतरिक प्रजातंत्र है और मतभिन्नता स्वभाविक है।

अफसरों के पास इतना पैसा कहां से आया

युवाओं ने भाजपा सरकार के जीरो टालरेंस पर सवाल उठाया तो यह भी पूछा कि प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स के घरों से इतना धन कैसे निकल रहा है। सीएम शिवराज ने अन्य प्रदेशों से तुलना करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ केवल मप्र सरकार सख्त है इसलिए अधिकारियों की काली कमाई सामने आ रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ई- टेण्डरिंग के कारण अब कोई ठेकेदार रिश्वत देकर ठेका नहीं ले सकता।

बहुमत के साथ बनेगी भाजपा सरकार

सीएम ने कहा कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाएगी। देश की जनता केंद्र की कांग्रेस सरकार से निराश हो चुकी है और परिवर्तन चाहती है। चुनाव सुधारों के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव देश के विकास में बाधा बनते हैं। संविधान संशोधन कर पूरे देश में लोकसभा- विधानसभा सहित अन्य सभी चुनाव एक साथ करा देना चाहिए।

राष्ट्रपति प्रणाली की ओर बढ़ रहा है देश

सीएम ने कहा कि देश राष्टपति शासन प्रणाली की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन प्रणाली पर विचार करना चाहिए। भाजपा भी चुनाव सुधारों की पक्षधर है। राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव पर खर्च करने और उन्हें प्राप्त धन राशि के संबंध में पारदर्शिता बरतने पर चौहान ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर पूरी पारदर्शिता बरती है।

अल्पसंख्यकों को पूरा सम्मान

भाजपा के अल्पसंख्यक कल्याण नीतियों और कार्यक्रमों पर पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यक समुदायों पर पूरा सम्मान देती है और उनसे वोट बैंक की तरह व्यवहार नहीं करती। उन्हें विकास के पूरे मौके दिए गए हैं। अल्पसंख्यक समुदाय को नेतृत्व प्रदान करने के मुददे पर उन्होंने कहा कि जैसे जैसे समुदाय में नेतृत्व बढ़ रहा है उन्हें नेतृत्व के मौके दिए जा रहे हैं।

विकास के मॉडल पर

विकास के मॉडल पर पूछे गए सवालों के जबाव में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य का अपने जरूरत के अनुसार विकास मॉडल होता है। यदि विकास का लाभ जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंचा तो वह अर्थहीन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मध्यप्रदेश के लोगों के विकास के लिए काम करते रहेंगे। मध्यप्रदेश ही मंजिल है।

योग्यता के हिसाब से दिया टिकट

भाजपा में शामिल हुए नव नियुक्त सदस्यों को चुनाव में उम्मीदवार बनाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट वितरण योग्यता और चुनाव समिति के निर्णय के अनुसार किया जाता है। अपवाद को छोंड़ दें तो 99 प्रतिशत टिकिट भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं को ही मिले हैं।

एक दिन पहले मंगाए थे कुछ सवाल

शनिवार को हैंगआउट पर चर्चा से एक दिन पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने अपने ट्विटर एकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए लोगों से सवाल आमंत्रित किए थे। मुख्यमंत्री चौहान की अधिकृत बेवसाइट पर कुछ लोगों ने पहले से उन सवालों को भेजा जिनके जवाब वे मुख्यमंत्री से चाहते थे। हैंगआउट पर एक घंटे के लाइव के दौरान आॅनलाइन हुए लोगों ने मुख्यमंत्री से सीधे सवाल भी किए। हैंगआउट के लिए गूगल की टीम शाम चार बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री ने पहली बार हैंगआउट के जरिए लोगों से बातचीत की है, लेकिन उन्हें इस प्रयोग में कोई परेशानी नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अक्सर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जिलों के अधिकारियों से चर्चा करते हैं। 


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