भोपाल। सीहोर जिले के लसूडिया गांव में खेत में बिछी फसल देखकर एक किसान बेहोश होकर जो गिरा तो उठ न सका। प्रेमसिंह मालवीय नाम के इस किसान की सदमे में मौत हो गई।
इसी प्रकार तीन और किसानों ने आत्महत्या की कोशिश की। सागर में एक किसान ने खुद को आग लगा ली और दमोह में दो किसानों ने कीटनाशक पी लिया। तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदेश में अब तक फसल बर्बाद होने से दुखी चार किसानों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा चार किसान आत्महत्या की कोशिश कर चुके हैं।
सागर जिले के खुरई थावरी गांव में 70 वर्षीय मुकंदी अहिरवार ने सोमवार शाम खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आत्मदाह की कोशिश की। उसका चेहरा व हाथ-पैर झुलस गए हैं। मुकंदी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनकी पट्टे की जमीन होने के कारण पटवारी ने मुआवजा मिलने से इंकार कर दिया था। उनकी करीब ढाई एकड़ की चना व गेहूं की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। कलेक्टर योगेंद्र शर्मा ने एसडीएम अर्चना सोलंकी को इस पूरे मामले की जांच सौंपी है। मुकुंदी के बेटे मथुरा प्रसाद ने पिता पर किसी तरह का कर्ज होने से इंकार किया है। उनका कहना है कि फसल बर्बाद होने से पिताजी काफी आहत थे।
दमोह जिले के बरखेड़ा निवासी स्वदेश पटेल (22) ने मंगलवार सुबह खेत पर जाकर कीटनाशक पी लिया। इसके अलावा हरदुआ के पूरन सिंह (35) ने सोमवार को बांदकपुर में कीटनाशक खरीदा और पी लिया। दोनों को दमोह जिला अस्पताल में भर्ती हैं। एसडीएम व तहसीलदार ने उनके बयान लिए हैं। पूरन ने 20 एकड़ और स्वेदश ने भी 30 एकड़ खेती ठेका पर ली थी।