मोदीजी मेरे मध्यप्रदेश को भी कुछ दे दो प्लीज

प्रिय नरेन्द्र मोदी जी, पूरा भारत आपको भावी प्रधानमंत्री के तौर पर देख रहा है। आप लोगों को सपने भी दिखा रहे हैं। लोग आश्वस्त भी हैं। पहली बार हो रहा है कि लोग वोट से पहले 1 नोट भी दे रहे हैं। आपके इस भारत में मेरा मध्यप्रदेश भी आता है। मेरे प्रदेश के लोगों ने भी आपको नोट दिए हैं। वोट भी देंगे, लेकिन फिलहाल मेरा मध्यप्रदेश ओला की मार से कराह रहा है, तड़प रहा है, सदमे में किसानों की मौत हो गईं हैं, कई किसानों ने आत्महत्या का कदम उठाया है।

मध्यप्रदेश के लाड़ले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार से राहत की मांग की थी परंतु मनमोहन सिंह ने उन्हे मिलने का वक्त तक नहीं दिया। उन्हें मध्यप्रदेश की कोई फिक्र ही नहीं है, लेकिन हम जानते हैं कि आपको हमारी फिक्र जरूर होगी।

हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है, वो गांव गांव जाकर किसानों से मिल रहे हैं। सरकारी खजाना खोल दिया है परंतु वो नाकाफी साबित हो रहा है। इसलिए मध्यप्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों ने अपना 2 माह का एरियर भी किसान राहत के लिए दान कर दिया है।

आप भारत के भावी प्रधानमंत्री हैं, हम जानते हैं कि भावी प्रधानमंत्री के पास बजट नहीं होता परंतु आप गुजरात के मुख्यमंत्री भी हैं। उत्तराखंड की आपदा में आपने बहुत मदद भेजी थी। हम करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि मध्यप्रदेश की आपदा के लिए भी आप राहत भेजें। यदि आप हमसे 29 सीटों पर वोट की उम्मीद करते हैं तो कुछ ना कुछ राहत की उम्मीद तो हम भी कर ही सकते हैंं।

आपके समर्थक मेरे मध्यप्रदेश के एक एक वोटर के पास आए थे, उन्होंने आपके लिए वोट मांगे और वचनबद्धता के तौर पर वोटर्स से 1 रुपया भी लिया। मध्यप्रदेश के 6 करोड़ वोटर्स में से कोई 2-3 करोड़ रुपया तो इस जरिए ही आपके पास पहुंच गया है। कृपया वही लौटा दीजिए, फिलहाल यह मेरे मध्यप्रदेश के बहुत काम आएगा।

लोग कहते हैं कि देशभर के बड़े कारपोरेट घराने आपके एक इशारे पर करोड़ों लुटा देते हैं। कृपया उनसे कहिए कि वो मेरे मध्यप्रदेश की मदद करें। अब जब हम आपको वोट देने जा ही रहे हैं तो यह मध्यप्रदेश भी तो मोदी का ही मध्यप्रदेश हुआ ना और मोदी का मध्यप्रदेश इस तरह प्राकृतिक आपदा से पीड़ित होकर मर जाए, क्या आपको अच्छा लगेगा।

आपका शुभचिंतक
उपदेश अवस्थी
एडीटर/सीईओ
भोपालसमाचार.कॉम

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!