पढ़िए कैलाश जोशी का स्टिंग आपरेशन और उसका पोस्टमार्टम

भोपाल। भाजपा में शुचिता की राजनीति के जीवित प्रमाण पत्र कैलाश जोशी पर भी दाग लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि कैलाश जोशी ने भोपाल सीट छोड़ने के एवज में एक भाजपा नेता से 1 करोड़ रुपयों की मांग की है और इसके पर्याप्त सबूत कांग्रेस के पास उपलब्ध हैं।

कांग्रेस की ओर से इस मामले का खुलासा प्रदेश उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने किया है। उधर, कैलाश जोशी ने बताया कि, कांग्रेस महज एक मजाक को तूल दे रही है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को उनसे मिलने पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान, जितेंद्र डागा और विधायक विष्णु खत्री आए थे। इस दौरान एक चैनल का कैमरामेन भी वहां मौजूद था। उसी वक्त वे अपने एक परिचित से फोन पर चर्चा करने लगे। इस दौरान मजाक में चुनाव लडऩे की बात चली, तब मैंने हंसते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव लडऩा है, तो जेब में एक करोड़ रुपए होने चाहिए। इसी मजाक की सीडी बना ली गई।

इस खुलासे के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल और ज्यादा तेज हो गई है। इस मामले के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। आइए देखते हैं क्या क्या एंगल बताए जा रहे हैं बाजार में:—

श्री कैलाश जोशी ने अपने ताजा बयान में उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया जिससे बात करते हुए उन्होंने करोड़ों का जिक्र किया था। लोग उस व्यक्ति की तलाश में हैं।

बेदाग छवि है कैलाश जी की

श्री कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा उन्हें मध्यप्रदेश में एक ऐसे भाजपा नेता के रूप में जाना जाता है जिस पर आज तक कोई दाग नहीं लगा। यदि अपने बेटे के लिए विधानसभा चुनावों में टिकिट की मांग का विषय निकाल दिया जाए तो कैलाश जोशी का जीवन अनुशासित और आदेशों का पालन करने वाले नेता के रूप में देखा जाता है।

भोपाल से दावेदारी

भोपाल लोकसभा सीट से कैलाश जोशी भाजपा की ओर से सबसे सशक्त दावेदार हैं। लालकृष्ण आडवाणी के लिए उन्होंने अपना दावा वापस ले लिया था परंतु अब स्पष्ट हो गया है कि आडवाणी जी भोपाल से चुनाव नहीं लड़ने वाले अत: कैलाश जोशी का दावा फिर से दमदार हो गया है।

किसे लाभ होगा इस खुलासे से

सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि कैलाश जोशी के इस स्टिंग से किसे लाभ होगा। निश्चित रूप से कांग्रेस को तो कुछ खास लाभ होने वाला नहीं है, अलबत्ता भाजपा में इस सीट के दूसरे दावेदारों को लाभ जरूर हो सकता है। इस सूची में एक नाम आलोक शर्मा का भी है। तो कहीं इस स्टिंग के पीछे आलोक शर्मा का हाथ तो नहीं। ताकि कैलाश जोशी की दावेदारी को कमजोर किया जा सके।

कांग्रेस ने क्यों किया खुलासा

भाजपा को कटघरे में खड़ा करने के लिए कांग्रेस के पास कई विषय है। अक्सर यह आरोप लगते रहे हैं कि कांग्रेसी नेता गंभीरता के साथ भाजपा को घेरने का प्रयास तक नहीं करते। यदि वो ईमानदारी से भाजपा सरकार को बेनकाब करने पर आ जाएं तो परिदृश्य बदल सकता है तो फिर सवाल यह उठता है कि कैलाश जोशी का स्टिंग आपरेशन करने की जरूरत कांग्रेस को क्यों पड़ी। वो तो हॉटकैक भी नहीं हैं।

माणक अग्रवाल ही क्यों

सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि यह खुलासा कांग्रेस ने किया है या माणक अग्रवाल ने। यह सवाल इसलिए भी उठाया जा रहा है कि भोपाल सीट से भाजपा के दूसरे दावेदार आलोक शर्मा और माणक अग्रवाल की मजबूत मित्रता जगजाहिर है, तो कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने मित्र को लाभ पहुंचाने के लिए माणक अग्रवाल ने यह सब किया हो।

असलियत जो भी हो, ना तो इसकी फारेंसिक जांच होगी और ना ही सत्यता का उद्घाटन होगा। टारगेट लोकसभा चुनाव का टिकिट है और मौका देखकर हमला किया गया है। राजनीति है अत: देखना रोचक होगा कि अब कैलाश जोशी अपनी छवि पर लगे इस दाग को कैसे मिटाते हैं, मिटाते भी हैं या...?

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