भोपाल। ओलापीड़ित किसानों का सर्वे करने में जुटे मैदानी कर्मचारियों व उनके अधिकारियों को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीधे बयान जारी कर कहा है कि यदि किसी को ज्यादा मुआवजा मिल गया तो कोई बात नहीं, लेकिन यदि किसी का हक मारा गया तो नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा।
प्रदेश में बारिश और ओलों से प्रदेश के 51 में से 49 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। 9 हजार 584 गांवों में फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। राज्य सरकार के आकलन के अनुसार बारिश और ओलों से कुल 10 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इनमें फसल हानि के अलावा अन्य नुकसान भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में मची इस तबाही पर शुक्रवार की सुबह आपात बैठक कर किसानों को राहत देने के उपायों पर उच्चाधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि किसानों को राहत देने के लिए विधानसभा में पेश किए जाने वाले लेखानुदान में दो हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है। चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए असाधारण फैसले लेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि धैर्य रखें, हौसला रखें।
मुआवजा नहीं बांटा तो नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा
जिले में ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि 1 साल तक मैं भले ही सड़कें और स्कूल नहीं बना पाऊं, लेकिन किसानों को मुआवजा जरूर दूंगा। यदि अधिकारियों ने किसानों के मुआवजा वितरण में कोई कोताही बरती तो उन्हें नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा। सीएम के यह तीखे तेवर किसानों की बर्बाद फसल देखने के बाद दिखे। उन्होंने कहा कि यदि 2 प्रतिशत किसानों को अधिक मुआवजा मिल गया तो कोई बात नहीं, लेकिन 1 प्रतिशत कम नहीं मिलना चाहिए।
केंद्र राष्ट्रीय आपदा घोषित करे
मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्र से आग्रह किया है कि इस संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। नुकसान के आकलन के लिये केन्द्रीय दल शीघ्र भेजे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए यदि जरूरत हुई तो विकास कार्यों के बजट में कटौती करेंगे।
साहूकार नहीं कर पाएंगे जबरिया वसूली
मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कोई भी साहूकार ओला प्रभावित किसानों से जबरन वसूली नहीं करे। यदि ऐसा होता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की ऋण वसूली स्थगित कर दी गई है।
संयुक्त सर्वे टीम
फसलों के नुकसान का सर्वे पूरी प्रामाणिकता से करने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे कार्य पूरी पारदर्शिता से हो इसके लिए राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग के संयुक्त दल बनाए गए हैं।