भोपाल। आमतौर पर पुरुष प्रधान संगठन माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने बदली हुई सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों में महिला शक्ति को महत्व देना शुरू कर दिया है। संघ के सरसंघ संचालक डॉ. मोहन राव भागवत पहली बार 23 फरवरी को भोपाल में सामाजिक और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाली प्रमुख महिलाओं से रूबरु होंगे।
शक्ति संवाद नाम से होने वाले आयोजन के जरिए संघ यह जानने का प्रयास करेगा कि उसकी सोच से महिलाएं कितना इत्तेफाक रखती हैं। संघ के इतिहास में यह दूसरी बार होगा कि संघ प्रमुख महिलाओं के बीच रहकर उनसे संवाद करेंगे। संघ प्रमुख रहे स्व. केएस सुदर्शन भी इस तरह का प्रयोग कर चुके हैं लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया।
मौजूदा संघ प्रमुख भागवत अपने अब तक के कार्यकाल में पहली बार यह पहल करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि राजनीति और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और सक्रियता को देखते हुए अब संघ ने महिलाओं को सुध ली है। महिलाओं से संघ की दूरी का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि संगठन में कभी कोई महिला पदाधिकारी नहीं रही।
हालांकि संघ के समकक्ष महिलाओं का एक अन्य संगठन है जो राष्ट्रीय सेविका समिति के नाम से जाना जाता है। शक्ति संवाद में संघ प्रमुख भागवत महिलाओं के सामने संघ की विचारधारा, कार्य और भविष्य की दृष्टि रखेंगे। सूत्र कहते हैं कि इस चर्चा के बाद संघ संगठन में महिलाओं की भागीदारी और सक्रियता बढ़ा सकता है।
क्या है आयोजन
आरएसएस ने संघ प्रमुख और सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के बीच होने वाली चर्चा को शक्ति संवाद का नाम दिया है। इस शक्ति संवाद के लिए सरकारी और प्राइवेट स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, उद्योग, एनजीओ और समाजसेवा सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने वाली करीब डेढ़ सौ महिलाओं को चिन्हित किया है। यह आयोजन 23 फरवरी को शाम सात बजे से रात साढे आठ बजे तक सरदार एसबी पॉलीटेक्निक कालेज के सभागार में किया गया है। इस आयोजन के लिए प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाली जिन महिलाओं का चयन किया गया हैं उन्हें अहस्तातरंणीय आमंत्रण पत्र दिया गया है।
कांग्रेस के एजेंडे में आधी भागीदारी
राजनीति में आगे बढ़ने के प्रयास कर रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इस फार्मूले पर पहले काम कर चुके हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणा पत्र में महिलाओं के विचारों का समावेश करने के लिए राहुल ने भी भोपाल में देशभर की महिलाओं की पंचायत लगाई थी। पिछले महीने राजधानी के मिंटो हाल में यह आयोजन हुआ था।
माना जा रहा कांग्रेस उपाध्यक्ष द्वारा समाज के हर वर्ग के बीच जाकर चर्चा करने के फार्मूला शायद संघ को भी रास आ रहा है। राहुल महिला सशक्तिकरण के साथ राजनीति में भागीदारी बढ़ाने की बात कर रहे हैं। महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण के समर्थन में वे कई बार खुलकर सामने आ चुके हैं। महिला आरक्षण बिल भी संसद में लंबित चल रहा है।