भोपाल। भले ही एसटीएफ रिश्वत देने वालों को गिरफ्तार करने में जुटी हो परंतु सरकारी व्यवस्था किस तरह लोगों को रिश्वत देने के लिए मजबूर कर देती है इसकी एक बानगी है NRHM RBSK फार्मासिस्ट की भर्ती प्रक्रिया।
इधर पद रिक्त हैं, लोगों की जरूरत है और उधर योग्य उम्मीदवार भी तैयार हैं परंतु बस एक लिस्ट जारी नहीं की जा रही है। पूरे 5 महीने से लिस्ट को लटकाया हुआ है। अब क्या यह बताना शेष रह गया है कि यह लापरवाही नहीं बल्कि षडयंत्र है। लोगों को रिश्वत देने के लिए बाध्य करने का षडयंत्र। यदि यह लिस्ट समय पर जारी कर दी जाए तो बेरोजगारों को आसानी से नौकरी मिल जाएगी और यदि ऐसा हो गया तो कतई उचित नहीं होगा, क्योंकि ईमानदारी से योग्यता के आधार पर नौकरी पाने वाला भ्रष्टाचार का समर्थन भी नहीं करेगा।
उपरोक्त और ऐसी कई सारी विचारधाराएं मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी को अति आवश्यक प्रक्रिया बनाने पर तुलीं हुईं हैं। अफसरों का पूरा का पूरा रैकेट काम कर रहा है और नेताओं की मिली भगत तो जगजाहिर है। एफआईआर दर्ज करने के बाद भी शिवराज सिंह की सरकार नौकरी माफिया में शामिल नेताओं को अरेस्ट नहीं कर पा रही है।
फिलहाल पढ़िए NRHM RBSK फार्मासिस्ट से संबंधित यह समस्या जो एक पीड़ित ने भोपाल समाचार को प्रेषित की है:—
सेकंड काउंसिलिंग के बाद भी मध्यप्रदेश के अधिकतर जिलों में rbsk फार्मासिस्ट के पद रिक्त है, और 5 महीने बाद भी आज दिनांक तक फार्मासिस्ट कि ज्वाइनिंग लिस्ट जारी नहीं कि गयी है और NRHM स्वास्थ्य विभाग सो रहा है, बेरोजगार फार्मासिस्ट सूची का बेसब्री से इंतजार कर रहे है।
आपसे विनम्र निवेदन है कि फार्मासिस्ट कि तीसरी जोइनिंग सूची निकलवाने में हमारी मदद करे धन्यवाद्।