भोपाल। राज्य शासन ने सुशासन के लिए कर्मचारियों का युक्तियुक्तकरण प्रारंभ किया है। विभागों में जब कर्मचारियों के काम और पदस्थापना की समीक्षा की गई तो पता चला कि अनेक जगह पर तय पद से अतिरिक्त कर्मचारी काम कर रहे हैं।
इन कर्मचारियों और अधिकारियों को कहीं ओर पदस्थ किया गया था लेकिन वे जोड़-तोड़ कर मनचाही जगह पर पदस्थ हो गए।
खास बात यह है कि उनका वेतन उस कार्यालय से निकल रहा है जहां वे मूल रूप से पदस्थ हैं। कहीं-कहीं तो पद और काम की तुलना में दुगने तक कर्मचारी पदस्थ हैं। ऐसे कर्मचारियों को अब अपने मूल कार्य स्थल पर लौटना होगा। अगर वे खाली पदों पर नहीं लौटेंगे तो उनका वेतन नहीं निकलेगा। शासन की इस कार्रवाई से कर्मचारियों-अधिकारियों में हड़कंप है।
जल संसाधन विभाग ने जारी किया आदेश
जल संसाधन विभाग में अपने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे कर्मचारियों का समायोजन कर तत्काल विभाग को सूचित करें। 10 फरवरी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मुख्य अभियंता उनके क्षेत्र में जिन संभागों में स्वीकृत से अधिक उपयंत्री कार्यरत हैं उनका तबादला करें।
इन सभी अतिरिक्त उपयंत्रियों को वरिष्ठता के मुताबिक नई जगह स्थानांतरित करने के लिए एक सप्ताह में जानकारी मांगी गई है। जिन स्थानों पर रिक्त पदों से ज्यादा उपयंत्री होंगे उन्हें अन्य संभागों में भेजा जाएगा। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि यह समायोजन वेतन निकालने की दृष्टि से आवश्यक है। साथ भेजे गए प्रपत्र में उपयंत्रियों के एक स्थान पर कार्य करने की अवधि भी पूछी गई है।