भोपाल। मंत्री परिषद के निर्णय के खिलाफ महिला बाल विकास विभाग की संविदा महिला पर्यवेक्षकों ने परीक्षा के बहिष्कार एवं हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। इसके लिए आज विधिवत एक नोटिस शासन को दे दिया गया।
महिला बाल विकास विभाग में नियमित पद के विरूद्ध 2007 में व्यापम परीक्षा उत्तीर्ण होकर मेरिट के आधार पर नियुक्त हुई संविदा पर्यवेक्षकों को फरवरी 2014 में मंत्री परिषद की बैठक में संविदा पर्यवेक्षकों के नियमितीकरण के लिए फिर से व्यापम की परीक्षा देनी होगी के निर्णय के विरोध में महिला एवं बाल विकास सर्व पर्यवेक्षक समिति की अध्यक्षा नाहिद जहाँ तथा संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के द्वारा 28 फरवरी से हड़ताल पर जाने का नोटिस मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास विभाग, तथा आयुक्त महिला बाल विकास विभाग को आज दिये गये ।
गौरतलब है कि दूसरी तरफ म.प्र. शासन ने दो बार गुरूजी पात्रता परीक्षा में अनुत्तीर्ण (फेल) हुये 7414 गुरूजियों को बिना किसी परीक्षा के आदेश क्र. एफ - 44-6/2014/20-2 दिनांक 10.02.2014 से संविदा शिक्षक बना दिया । जो कि तीन वर्ष पश्चात सीधे अध्यापक बनकर नियमित, हो जायेगें तथा दूसरा उदाहरण महिला बाल विकास में वर्ष 1995 - 1996 में मानदेय पर काम करने वाली आँगनबाड़ी कार्यकर्ता से सीधे नियमित सुपरवाईजर के पदों पर नियुक्ति दे दी गई थी, उन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोई परीक्षा नहीं ली गई थी ।
सरकार कुछ कर्मचारियों पर मेहरबानी कर रही है तथा कुछ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है । म.प्र. शासन व्यापम से मेरीट के आधार पर नियमित पद के विरूद्व नियुक्त संविदा महिला पर्यवेक्षकों के नियमितीकरण के लिए फिर से व्यापम की परीक्षा देने का निर्णय कर रहा है। ऐसी दोहरी नीति का विरोध करने के लिए पूर्व से कार्यरत 1019 महिला संविदा पर्यवेक्षक परीक्षा का बहिष्कार करेंगी तथा दिनांक 28 फरवरी 2014 से अनिश्चिित कालीन हड़ताल पर रहेंगी तथा 1 मार्च से प्रांरभ हो रहे स्नेह शिविर का बहिष्कार करेंगी।