कटनी। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व 15 अगस्त(स्वतंत्रता दिवस) के पावन पर्व पर राज्यकर्मियों को त्रि-स्तरीय वेतन देने की घोषणा की गई थी। जिसका कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया था लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि छः माह बीत जाने के बावजूद शासन द्वारा यह आदेष जारी नहीं किया जा सका।
जिससे कर्मचारी जगत में अंसतोष व्याप्त है। कर्मचारियों के असंतोष दूर करने हेतु अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला शाखा कटनी ने प्रदेष के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के नाम कलेक्टर कटनी को ज्ञापन सौंप कर आचार संहिता के पूर्व शीघ्र आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। सौंपे गये ज्ञापन के अन्य बिन्दु इस प्रकार हैं-
वादानुसार राज्यकर्मियों को केन्द्रीयकर्मियों की तरह पे-बेंड व अन्य भत्ते प्रदान नहीं किये जा रहे हैं। शीघ्र प्रदान किये जावें।दैनिक वेतन भोगी, कार्यभारित एवं अंषकालीन भृत्यों को नियमित किया जावे।पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने वृत्ति कर को जजिया कर घोषित किया था। उक्त वृत्ति कर रुपी जजिया कर को तत्काल समाप्त करते हुये राज्य कर्मियोें को राहत प्रदान की जाये।षिक्षा विभाग में दोहरी षिक्षक व्यवस्था से षिक्षा पर असर पड़ रहा है, षिक्षक व्यवस्था में एकरुपता लाई जाये।राज्य कर्मियों को डाइंग कैडर से मुक्ति दिलाकर नियमित पदों पर नियुक्ति की जाये।
कस्तुरबा गांधी छात्रावासों में पदस्थ सहा.वार्डन को साप्ताहिक अवकाष के साथ पूर्व में जारी किये गये वार्षिक वेतन वृद्धि आदेष का क्रियान्वयन के साथ नियमित किये जाने की मांग भी मुख्यमंत्री को प्रेषित की गई। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष रामाधार गौतम के नेतृत्व में कलेक्टर कटनी को सौंपे गये ज्ञापन में संयुक्त मोर्चा संस्थापक सरमन तिवारी, संरक्षक एस.एन.त्रिपाठी, षिक्षक संघ के विभाष दुबे, अध्यक्ष सुरेष त्रिपाठी, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अनिल चैबे, व्याख्याता प्राचार्य संघ अध्यक्ष राजेष अग्रहरि, पटवारी संघ के दादूराम पटेल, एम.एल.चैधरी, विद्याधर मिश्रा, डाॅ.वाय.सुब्बाराव, अनिल खम्परिया लिपिक कर्मचारी संघ, सुनील मिश्रा, प्रमोद श्रीवास्तव, षिवकुमार पाण्डेय, पी.के.महार, पी.सी.तिवारी, राकेष दुबे, देवेन्द्र तिवारी, बलराम तिवारी, पी.के.पाण्डेय, मार्तण्ड सिंह, भगवान सिंह परिहार, रामगोपाल धुर्वे, आर.पी.पटेल, दयाषंकर गर्ग, जे.पी.हल्दकार, हरीष सक्सेना, राम कुमार रजक, ऊषा गेंडा, रुकमणी बर्मन, उपस्थित थे।