उपदेश अवस्थी/भोपाल। लोकसभा चुनावों से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को खुश करने के लिए केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। अब सरकारी कर्मचारियों को मूल वेतन का 100 फीसदी मंहगाई भत्ता मिलेगा। सब जानते हैं यह वोटबैंक की राजनीति है परंतु वोट तो प्राईवेट सेक्टर के कर्मचारी भी देते हैं। वो भी बड़ा बैंक है।
जिस तरह सरकार अपने कर्मचारियों के लगातार वेतन भत्ते बढ़ा रही उसके मुकाबले में निजी कार्य करने वालों को ना केवल बढ़ती महंगाई का सामना करना पढ़ रहा है बल्कि सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यवसाय करने वाले मध्यम वर्ग में एक बड़ा आर्थिक अंतर भी होता जा रहा है, इससे निकट भविष्य में होने वाली कई समस्यों से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, खैर सरकार को तो सिर्फ अपने सरकारी कर्मचारियों के वोट दिख रहे है, लेकिन सरकार यह भूल रही है कि उसके सरकारी कर्मचारियों से कई गुना अधिक वोट गरीब और मध्यम वर्गीय निजी व्यवसाय करने वालों के है।
इस तरफ भी सोचिए सरकार, नहीं तो सब किया धरा हो जाएगा बेकार।