पौने दो साल भी नहीं चला पौने दो करोड़ का पुल

शोहेब मँसूरी। आष्टागांव चुपाडिय़ा के पास प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पार्वती नदी पर डेढ़ वर्ष पहले पौने दो करोड़ का पुल घटिया निर्माण के चलते खस्ता हालत में पहुंच चुका है। इसके अलावा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के पुलों की भी अनदेखी की जा रही है। इससे कभी भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है।

इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि गांव चुपाडिय़ा के पास वर्ष २०११-१२ में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पार्वती नदी पर एक करोड़ ७५ लाख रुपए की लागत से पुल बनाया गया था। इसमें घटिया निर्माण होने के कारण पुल में थोड़े ही दिनों में दरारें देखने को मिल रही थीं। उस समय संबंधित ठेकेदार ने पुल पर मरम्मत कर लीपापोती कर दी थी। जबकि इसकी चुपाडिय़ा गांव के लोगों ने एसडीएम से लेकर कलेक्टर तथा योजना के महाप्रबंधक को भी लिखित आवेदन देकर शिकायत की थी।

इसके बाद भी संबंधित विभाग ने इस तरफ ध्यान देने की बजाए लापरवाही बरती। इसका नतीजा यह हुआ कि इस समय पुल के ऊपर का कांक्रीट पूरी तरह से उखड़ गया है। उसके पिल्लर गिर चुके हैं। पुल जगह-जगह से गड्ढों में तब्दील होने के साथ ही क्षतिग्रस्त हो गया है। आधे दर्जन गांवों को परेशानी पुल से गांव चुपाडिय़ा सहित लसूड़लिया, छापरी, सेवखेड़ी, चाचाखेड़ी, बमूलिया व खेड़ी के लोगों का प्रत्येक दिन आवागमन होता है। इसमें पुल की हालत खराब होने के कारण उन्हें आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जबकि इस मार्ग से भारी वाहनों का आवागमन नहीं होने के बाद भी पुल का इतनी जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाना गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है।

आवेदन के बाद भी मरम्मत नहीं पिछले दिनों गांव चुपाडिय़ा के लोगों ने प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़क व पार्वती पुल की मरमत कराने के लिए कलेक्टर को भी आवेदन दिया था। इसके बाद भी अभी तक विभाग ने पुल की मरमत नहीं कराई है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल की हालत काफी खराब हो चुकी है। यदि समय रहते इसकी मरमत नहीं हुई तो यह बारिश में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगा। आवेदन देने वालों में हेमंत शर्मा, दिनेश, तोफान सिंह, सूरज सिंह, देवराज, लखन सिंह, कमल सिंह, जगन्नाथ सिंह हैं। विभाग को दिए हैं निर्देश॥चुपाडिय़ा गांव के लोगों ने आवेदन दिया था। इस पर प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। पीडल्यूडी व अन्य विभागों के अधीन पुल है, उन्हें मरम्मत के लिए निर्देशित किया जाएगा।रवि सिंह, एसडीएमपुल के ऊपरी हिस्से की उखड़ गई हैं परतेंपुल में घटिया निर्माण होने के कारण पिल्लरों में दरारें पड़ गई हैं। वहीं ऊपरी हिस्से की परत भी पूरी तरह से उखड़ चुकी है, जिससे पुल जगह-जगह से गड्ढों में तदील हो गया है।

पुल से निकलते समय वाहन चालकों को भी बड़ी ही सावधानी से निकलना पड़ रहा है। उनके साथ भी दुघर्टना की संभावना बनी रहती है। कई बार लोग दुघर्टना के शिकार हो भी चुके हैं। क्षेत्र के हाईवे के पुलों की भी दुर्दशानगर के करीब ७० वर्ष पुराने पार्वती पुल के नीचे के खंभों में दरारें पड़ चुकी हैं। साथ ही पुल के नीचे से प्लास्टर भी गिरने लगा है। उसके बाद ाी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि अब पार्वती पुल पीडल्यूडी से नगर पालिका के पास स्थानांतरित हो चुका है। यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है। इसी प्रकार मेहतवाड़ा के पुराने हाईवे की उपेक्षा के चलते पुल की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। जावर पुल की हालत भी खराब होती जा रही है। विभाग नहीं दे रहा ध्यानलोगों की सुविधा के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर पुल तो बना दिया गया, लेकिन इसके निर्माण के समय विभाग द्वारा ध्यान नहीं देने से यह पुल अब लोगों की सुविधा देने के साथ दुविधा भी पैदा करने लगा है।

इसके बाद भी विभाग द्वारा इसकी मरम्मत कराने में लापरवाही बरती जा रही है। पुल की इतनी ज्यादा हालत खराब हो गई है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। चुपाडिय़ा के हेमंत शर्मा व लखन सिंह ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुल की शीघ्र मरम्मत कराई जाना चाहिए। पुल की मरम्मत नहीं कराई गई तो इसकी हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी। समय सीमा से पहले हुआ पुल क्षतिग्रस्तप्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कराए जाने वाले निर्माण कार्य की पांच वर्ष की गारंटी निर्माण एजेंसी द्वारा दी जाती है। पुल के निर्माण में बरती गई गुणवाा की कमी से डेढ़ वर्ष में टूटता नजर आया। पुल क्षतिग्रस्त के बारे में ग्रामीण भी विभाग को कई बार अवगत करा चुके हैं। पुल की हालत खराब होने के कारण कभी भी एक बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बाद भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पुल पर रेलिंग भी नहीं लगाई गई है, जिससे आवागमन करने वाले लोगों के साथ हमेशा खतरा बना रहता है। आष्टा. गांव चुपाडिय़ा के पास पार्वती नदी पर बने पुल पर इस तरह से ऊपरी हिस्से से परतें उखड़ चुकी हैं।

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