राजधानी में कलेक्टर गाइडलाइन का विरोध

भोपाल। वर्ष 2014-15 की प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के रेट बढ़ाए जाने के पीछे साजिश है, जिसके चलते बिना किसी आधार के मनमाने दाम बढ़ाए गए हैं। हद यह है कि, एक ही क्षेत्र में अलग- अलग दाम प्रस्तावित हैं तो कई इलाकों के दाम बढ़ाए ही नहीं गए हैं।

दाम बढ़ाने के लिए करवाया कथित सर्वे झूठ का पुलिंदा है। अगर प्रस्तावित गाइड लाइन को ही लागू किया तो राजधानी से मध्यम वर्ग का पलायन शुरू होने के कारण यहां पर व्यापार ठप हो जाएगा। प्रस्तावित कलेक्टर गाइड लाइन पर दावे आपत्तियां पेश करने के अंतिम दिन सोमवार को 54 आपत्तियां वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय पहुंची।

इससे पहले हफ्तेभर में सिर्फ 6 आपत्तियां आई थीं। वरिष्ठ जिला पंजीयक परसिंह तोमर के अनुसार कुल 60 आपत्तियां मिली हैं, इन पर उप पंजीयकों से जवाब मांगे गए हैं। मंगलवार को जिला मूल्यांकन समिति अध्यक्ष और कलेक्टर निशांत वरवड़े के समक्ष आपत्तियां मय स्पष्टीकरण के प्रस्तुत कर बैठक तय की जाएगी।

आपत्तियों में यह मांग भी है कि गाइड लाइन बनाने वाली समिति में विधायक के साथ ही बिल्डर्स या क्रेडाई का सदस्य, राजस्व अधिवक्ता, बैंक फायनेंस पर्सन, ब्रोकर्स और कंसल्टेंट की रजिस्टर्ड पैनल को रखना चाहिए। इससे गाइडलाइन जमीनी हकीकत पर तैयार होगी। जिला मूल्य वृद्धि विरोध समिति के संयोजक अजय अग्रवाल ने उदाहरण के आपत्ति पेश कर गाइड लाइन के प्रस्तावित दामों की बखिया उधेड़ी। अग्रवाल ने सवाल किया कि भवन निर्माण की मानक दर 8000 रुपए प्रतिवर्गमीटर है तो दुकान की लागत 57 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर कैसे हो सकती है।

बैरंग लौटाई गेमन आपत्तियां
गेमन इंडिया प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वाले 10 लोगों के नाम पर कंपनी के आफीसर सुजीत सिंह आपत्तियां लेकर पंजीयक दफ्तर पहुंचे थे। वरिष्ठ पंजीयन ने आपत्तियों को रखा, लेकिन पूछताछ के बाद फटकारते हुए कहा कि आपत्तियां वापस ले जाएं।
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