भोपाल। मंडला के वरिष्ठ अध्यापक डीके सिंगौर ने मप्र राज्य एवं अधीनस्थ शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2014 में आपत्ति एवं सुझाव संचालक लोक शिक्षक संचालनालय के नाम प्रेषित किए हैं जो इस प्रकार हैं:-
प्रति,
संचालक
लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र.
भोपाल 462023 फेक्स-0755-2583651
ईमेल-cpibhop@nic.in
विषयः- मप्र राज्य एवं अधीनस्थ शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2014 में आपत्ति एवं सुक्षाव के सम्बंध में।
महोदय,
विषयानुसार म.प्र. असाधारण राजपत्र में म.प्र. राज्य एवं अधीनस्थ शिक्षा सेवा भर्तीै तथा पदोन्नति नियम 2014 के प्रारूप में निम्नलिखित आपत्तियां/सुझाव है-
1. नियम 8 उपनियम 1 आयु ग (एक) में शासकीय कर्मचारियों के अलावा स्थानीय निकाय के अध्यापक भी जोड़ा जाना चाहिये साथ ही यह आयु सीमा 40 से बढ़ाकर 50 वर्ष होना चाहिये। सहायक संचालक पद जो कि शिक्षा सेवा से जुड़ा है उसके लिये बी.एड./डी.एड. व अकादमिक अनुभव का लाभ दिया जाना चाहिये।
2. अनुसूची 1 (33) के अनुसार ए.ई.ओ. का वेतनमान 3900-34800़4200ग्रेड पे के स्थान पर 3900-34800़3600ग्रेड पे कर दिया गया है जो कि अनुचित है। कार्य/उत्तरदायित्व के अनुसार पूर्व वेतनमान उपयुक्त था।
3. अनुसूची 3 की कण्डिका 5 (3) के अनुसार ए.ई.ओ. पद के लिये अध्यापकों के लिये अध्यापक पद पर 5 वर्ष का अनुभव मान्य किया गया है। जबकि शिक्षाकर्मी वर्ग 2 और संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 के पद पर किये गये कार्य का अनुभव भी मान्य होना चाहिये क्योंकि इन पदों की योग्यता, कार्य व उत्तरदायित्व समान हैं।
4. (अ) अनुसूची 2 की टिप्पणी 1 के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक सिर्फ 25 प्रतिशत हाईस्कूल प्राचार्य के पद पर सीमित परीक्षा के माध्यम से राज्य शिक्षा सेवा में आयेंगें। साथ ही शासन की पदोन्नति प्रक्रिया का कोई टाइम टू टाइम नियम नहीं हैं जिससे वरिष्ठ अध्यापकों के लिये राज्य शिक्षा सेवा में अवसर न के बराबर हैं। शासन ने अपने 25 जुलाई 2013 के नोटिफिकेशन में स्वयं ये माना है कि ’’स्थानीय निकाय के वरिष्ठ अध्यापकों को राज्य शिक्षा सेवा में कम पदों पर आने का अवसर प्राप्त होगा’’ इसके लिये सरकार ने इसी नोटिफिकेशन में वरिष्ठ अध्यापक को प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति योजना के उपरांत विशेष प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत एक अतिरिक्त वेतनमान 6500-250-11500 का प्रावधान किया था। उल्लेखनीय है कि यह हास्यास्पद विशेष प्रोत्साहन भी शासन ने इस नये नोटिफिकेशन में हटा दिया है और इसके एवज में कोई प्रोत्साहन योजना नहीं बताई है। स्पष्ट है शासन जानबूझकर वरिष्ठ अध्यापकों के साथ न्याय नहीं कर रही है यह जानते हुये भी कि वरिष्ठ अध्यापकों के लिये अपने ही सवंर्ग में कोई प्रमोशनल एवेन्यू नहीं हैं फिर भी वरिष्ठ अध्यापकों को राज्य शिक्षा सेवा में कोई विशेष अवसर नहीं दिया गया हैै।
5. चूंकि ए.ई.ओ.,और व्याख्याता के वेतनमान एक समान है इसलिये व्याख्याता को ए.ई.ओ. के लिये उपयुक्त नहीं माना गया है फिर मा.शा. प्रधानपाठक को भी ए.ई.ओ. के लिये उपयुक्त क्यों माना गया है जबकि प्रधानपाठक का वेतनमान भी ए.ई.ओ. के बराबर है।
अतः उपरोक्तानुसार प्रशासनिक, वेतनमान और प्रमोशनल एवेन्यू को दृष्टिगत रखते हुये ए.ई.ओ. के लिये वरिष्ठ अध्यापकों को भी अवसर दिया जाना उपयुक्त होगा।
हस्ता.
डी.के.सिंगौर
पदनाम- वरिष्ठ अध्यापक
पता- शा.उ.मा.वि.बबलिया मण्डला