मध्यप्रदेश केबीनेट मीटिंग 11 फरवरी के निर्णय

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज संपन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में प्रदेश में अधोसंरचना विकास को नये आयाम देने के लिये 'मध्यप्रदेश अधोसंरचना विकास (स्विस चेलेंज) गाइडलाइन-2014' का अनुमोदन किया गया। इससे अधोसंरचना विकास के क्षेत्रों में नई तकनीक एवं वित्तीय विशेषज्ञता के लिये निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों को अवसर दिये जा सकेंगे।

स्विस चेलेंज की खुली और पारदर्शी प्रक्रिया में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की दक्षता और पूँजी को आमंत्रित कर वित्तीय रूप से दीर्घकालिक समाधान उपलब्ध करवाया जायेगा। वर्तमान में पीपीपी फ्रेम वर्क में नहीं आ पाने वाले निजी भागीदारी के क्षेत्रों और परियोजनाओं को भी आवर्धित किया जायेगा। प्रदेश के तीव्र विकास के लिये सामाजिक और आधार-भूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिये अभी तक चिन्हित नहीं की जा सकी परियोजनाओं को चिन्हित और क्रियान्वित करने की पहल हो सकेगी। इस प्रकार स्विस चेलेंज प्रक्रिया में राज्य के समग्र विकास में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ेगी। साथ ही परियोजना निर्माण के लिये वित्तीय रूप से बेहतर और किफायती दीर्घकालीन मॉडल विकसित किया जायेगा।

वर्चुअल सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग
शासकीय विभागों में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग की दृष्टि से मंत्रि-परिषद् ने सूचना प्रौद्योगिकी में दक्ष अधिकारियों के वर्चुअल सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग के गठन का निर्णय लिया। इसमें प्रत्येक विभाग में कार्यरत शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों में से आई.टी. के क्षेत्र में रुचि, अनुभव, शिक्षण और विशेषज्ञता रखने वाले लोगों को चिन्हांकित कर उन्हें उसी विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में नामांकित किया जायेगा। इससे वे विभाग की आईटी गतिविधियों के अनुश्रवण और क्रियान्वयन का प्रभावी समन्वय कर सकेंगे। न्यूनतम योग्यता के निर्धारण, चयन, प्रशिक्षण आदि के संबंध में मेप-आईटी द्वारा एक निर्धारित प्रक्रिया से कार्यवाही की जायेगी। चयनित अधिकारियों को आईटी और ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में गहन प्रशिक्षण दिया जायेगा।

विद्युत/यांत्रिकी संरचना का युक्ति-युक्तकरण
मंत्रि-परिषद् ने लोक निर्माण विभाग में विद्युत/यांत्रिकी संरचना के युक्ति-युक्तकरण का निर्णय लिया। वर्तमान में भोपाल के अंतर्गत स्थापित विद्युत/यांत्रिकी संभाग का कार्यक्षेत्र विस्तृत होने से विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, बैतूल, सीहोर, राजगढ़ और हरदा को अलग करते हुए इन जिलों के विद्युत/यांत्रिकी संबंधी कार्यों के सुचारु संचालन के लिये एक पृथक लोक निर्माण विद्युत/यांत्रिकी संभाग गठित किया जायेगा। नवीन संभाग का मुख्यालय भोपाल रहेगा। इसी प्रकार सागर परिक्षेत्र में विद्युत/यांत्रिकी संभाग का कोई संभाग नहीं होने से इस परिक्षेत्र में नवीन संभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया। दोनों संभाग के लिये किसी अतिरिक्त पद की स्वीकृति नहीं दी गई है। इनमें पद-स्थापनाएँ उपलब्ध अमले के युक्ति-युक्तकरण के माध्यम से की जायेगी।

अन्य निर्णय
बढ़ते शहरीकरण के मद्देनजर नगरीय निकायों की प्रशासनिक और तकनीकी व्यवस्था को सक्षम तथा जन-अनुकूल बनाने के लिये नगर पालिका/नगर परिषदों की आदर्श कार्मिक संरचना के गठन का निर्णय लिया गया। नगर पालिक निगमों में भी ऐसा ही किया जायेगा।

बीहर नदी क्षेत्र, रीवा में जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से बीहर ईको पर्यटन एवं एडवेंचर पार्क के विकास एवं संचालन का निर्णय लिया गया। परियोजना की लागत 15 करोड़ 68 लाख रुपये है। इसकी कन्सेशन अवधि 30 वर्ष होगी।

डिंडोरी जिले के शहपुरा में उप पंजीयक कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने फरवरी 2013 में अपने डिंडोरी प्रवास दौरान की थी। कार्यालय के लिये एक उप पंजीयक, एक पंजीयन लिपिक, एक पद भृत्य का स्वीकृत किया गया है। इस कार्यालय के ख्रुलने से शहपुरा के 30 किलोमीटर की परिधि के लोगों को दस्तावेजों के पंजीयन के लिये डिंडोरी मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं रहेगी।

मंत्रि-परिषद् ने नवगठित आगर-मालवा जिले में जिला जनसंपर्क कार्यालय की स्थापना को मंजूरी दी। कार्यालय के लिये सहायक संचालक, सहायक ग्रेड-3 सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटर और वाहन चालक के एक-एक पद तथा भृत्य के दो पद स्वीकृत किये गये।

लोक निर्माण विभाग में भवन निर्माण कार्य के लिये परियोजना क्रियान्वयन इकाई के लिये स्वीकृत 23 परियोजना अधिकारी के पद को संविदा नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति के स्थान पर सीधी भर्ती/पदोन्नति/ प्रतिनियुक्ति से भरने का निर्णय लिया गया।

धार जिले में स्थापित अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र की स्थापना से प्रभावित परिवारों के लिये राहत एवं पुनर्वास पैकेज को मंत्रि-परिषद् ने मंजूरी दी। पैकेज में सिंचित भूमि के मामले में 5 लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा निर्धारित किया गया है। यदि अवार्ड की राशि 5 लाख से कम है तो अंतर राशि विशेष पुनर्वास अनुदान के रूप में दी जायेगी। असिंचित भूमि के मामले में 4 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा निर्धारित किया गया है। इसमें प्रभावित परिवारों को अनेक सुविधाओं का प्रावधान है।

अनूपपुर में एम.बी. पॉवर लिमिटेड को पॉवर प्लांट के लिये जल आपूर्ति के लिये प्रस्तावित बैराज निर्माण के लिये निजी भूमि का अर्जन किये जाने पर प्रभावितों को राहत और पुनर्वास पैकेज का मंत्रि-परिषद् ने अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद् ने दतिया जिले के रतनगढ़ में हुई दुर्घटना के लिये गठित जाँच आयोग के कार्यकाल को 14 अप्रैल 2014 तक बढ़ाने का निर्णय लिया।

श्री के.आर सनोरिया, सेवानिवृत्त सहायक जिला आबकारी अधिकारी द्वारा शासकीय सेवा में रहते हुए की गई आर्थिक अनियमितताओं के लिये विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया।

मध्यप्रदेश जल संसाधन अभियांत्रिकी तथा भौमिकी सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम-1968 में अधीक्षण यंत्री से मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति के लिये न्यूनतम अर्हता सेवा 5 वर्ष से घटाकर वर्ष 2014 के लिये 4 वर्ष की गई है।

श्री आर.एस. सिसोदिया, सहायक वन संरक्षक की पेंशन में से 50 प्रतिशत राशि स्थाई रूप से वापस लेने का निर्णय लिया गया।

श्री के.पी. शर्मा वनपाल और श्री शिवनाथ प्रसाद जायसवाल की पेंशन से 50 प्रतिशत राशि की 5 वर्ष तक कटौती करने का निर्णय लिया गया।

लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन संभागीय परियोजना यंत्री श्री संजीव कुमार वर्मा द्वारा की गई अनियमितताओं के लिये विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया।

श्री अजय पाण्डवीय सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की पेंशन स्थाई रूप से रोकने का निर्णय लिया गया।

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