खरगोन। जिला मुख्यालय के दामखेडा कालोनी स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधीक्षण यंत्री कार्यालय क्रमांक 7 में सैकडों महत्वपूर्ण फाईलें एवं कई महत्वपूर्ण दस्तावेज विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही जला दिए गए।
इस सारे मामले पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर इस समय ही क्यों इन फाईलों व महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जलाया गया ? इन दस्तावेजों के जलने से किन लोगों को फायदा होगा ? किस अधिकारी के आदेष से इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया ? क्या इसमें शासकीय नियमों का पालन किया गया ? इस पुरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी गोलमोल जवाब क्यों दे रहें है ?
ऐसे कई सवाल है जिनकी जांच होना आवष्यक है अब जबकि विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही पुरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया तो विभागीय जांच विष्वसनीय नहीं हो सकती । चुंकि नर्मदा घाटी विकास विभाग इस समय मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान के अधिन है इससे उनकी भुमिका भी संदेह के घेरे में आ जाती है।
कांग्रेस प्रवक्ता रवि नाईक ने आरोप लगाया कि षडयंत्रपूर्वक विगत कई वर्षों से नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में हो भारी भ्रष्टाचार की महत्वपूर्ण फाईलें भी आग के हवाले कर दी गई है। इन भ्रष्टाचार के प्रकरणों में विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं के फंसने की आषंका थी। रवि नाईक ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बैठे लोगो व अधिकारियों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए इस कृत्य को अंजाम दिया गया। नाईक ने इस पूरे मामले की महामहिम राज्यपाल को षिकायत करते हुए इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र ऐजेंसी से उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
गौरतलब है कि इंदिरा सागर उद्वन सिंचाई योजना में 200 करोड रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप कांग्रेस द्वारा लगाए गए थें एवं नहर के मार्ग परिवर्तन को लेकर भी कांग्रेस ने विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए थे । ऐसे कई मामलों की फाईले जला दी गई है । जिनकी जांच होना चाहिए।