प्रधानमंत्री...प्रधानमंत्री..प्रधानमंत्री!

प्रतिदिन/राकेश दुबे। और यदाकदा बोलनेवाले भारत के प्रधानमंत्री आज बोले तो कुछ इस तरह बोले जैसे वे किसी  बात का विज्ञापन कर रहे हो | उनकी आज हुई पत्रकारवार्ता को समग्र रूप से विश्लेषित किया जाये तो सारी बातें प्रधानमंत्री पद के इर्द-गिर्द ही थी और निष्पक्ष नहीं थी |

जैसे “वे तीसरी बार प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे” “नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना विनाशकारी होगा” और “राहुल गाँधी प्रधानमंत्री के योग्य” | वैसे इन बातों में कुछ नया नहीं है परन्तु वर्तमान संदर्भो में इनके अर्थ कुछ अलग-अलग हैं | यह सब  कांग्रेस के किसी नेता ने कहा होता तो ठीक था,प्रधानमंत्री से तो गंभीर विषयों पर उत्तर की उम्मीद पत्रकारों को थी, पत्रकारों को आज ऐसा महसूस हुआ कि उनका समय नष्ट हो गया |

पत्रकारवार्ता में उनहोंने जिन दो  विभूतियों का जिक्र किया गया वे देश के चर्चित व्यक्तियों में से हैं | पहले नरेंद्र मोदी जिनका प्रधानमंत्री बनना मनमोहन सिंह जी की नजर में विनाशकारी होगा बकौल उनके नरेंद्र मोदी अहमदबाद नरसंहार के दोषी है | आयु के कारण स्मरणशक्ति क्षीणता के कारण उन्हें पिछले दिनों आये न्यायालयिन निर्णय विस्मृत हो गया होगा और यह याद रहा होगा की धारा ३७७ की समाप्ति का पक्षधर तो पूरी तरह व्यस्क है और प्रधानमंत्री पद का योग्य व्यक्ति है |

वैसे मनमोहनसिंह जी का ये दोनों कार्यकाल याद रखे जायेंगे “घोटाला युग” के रूप में| विधानसभा में हार के कारण तो उन्होंने गिना दिए, लोकसभा चुनाव-२०१४ के परिणामों की उन्हें चिंता  नहीं है, क्योंकि अभी सीधा चुनाव लड़ा नहीं और कांग्रेस उन्हें अब प्रधानमंत्री बनाने से रही |

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!