हाथ मलते रहे गए दिग्गी, सिंधिया और कमलनाथ, कटारे को मिला पॉवर

भोपाल। कांग्रेस हाईकमान मध्यप्रदेश में लगातार गुटबाजी को समाप्त करने की नसीहत देता आ रहा है परंतु चुनावों में करारी हार के बावजूद जब यह गुटबाजी कम ना हुई तो नेताप्रतिपक्ष जैसी पॉवरफुल सीट पर कटारे को नियुक्त कर हाईकमान ने अंतिम संदेश दे दिया है।

कांग्रेस हाईकमान में नेताप्रतिपक्ष की पॉवरफुल सीट पर ना तो दिग्गी के पट्ठे अजय सिंह और ना ही सिंधिया के सिपहसालार महेन्द्र सिंह को नियुक्त किया बल्कि निष्पक्ष और बेदाग छवि वाले विधायक सत्यदेव कटारे को नियुक्त कर यह मैसेज दिया है कि यदि मध्यप्रदेश में गुटबाजी बंद नहीं हुई तो गुटबाजों को ही समाप्त कर दिया जाएगा।

काफी लंबे समय से चल रही नेता प्रतिपक्ष की स्पर्धा आखिरकार बुधवार को सत्यदेव कटारे के नाम की घोषणा के बाद समाप्त हो गई। अब तक रेस में दो नाम आगे चल रहे थे पहला अजय सिंह और दूसरा कालूखेड़ा। बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने इन दोनों नामों को गुटबाजी के चलते सिरे से खारिज कर दिया।

आपको बता दें कि, अजय सिंह को दिग्विजय सिंह-भूरिया गुट जबकि कालूखेड़ा को सिंधिया-कमलनाथ गुट का माना जाता है। ऎसे में कटारे का नाम मध्यप्रदेश कांग्रेस में नई उम्मीद लेकर आया है। माना जा रहा है कि अटेर विधानसभा सीट से विधायक कटारे को उनके स्वच्छ छवि के चलते ही इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कटारे दिग्विजय सिंह की सरकार में राज्य के गृहमंत्री का पद भी संभाल चुके हैं।

कटारे का नाम भी लिस्ट में था मगर हाईप्रोफाइल न होने और किसी बड़े नेता का हाथ उनके सर पर न होने के कारण कांग्रेस का यह फैसला लोगों को अचंभित कर देने वाला रहा। इसके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी बाला बच्चन को सौंपी गई है। राजपुर विधानसभा सीट से विधायक बाला बच्चन को भी उनकी साफ छवि के चलते ही उनको आगे लाया गया है।

इन दोनों के अलावा आज विधानसभा उपाध्यक्ष के नाम की भी घोषणा हुई। यह जिम्मेदारी अमरपाटन विधानसभा सीट से विधायक राजेन्द्र सिंह को सौंपी गई है।

अजय सिंह ने दी बधाई
नेता प्रतिपक्ष की घोषणा होने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आगे बढ़कर सत्यदेव कटारे को बधाई दी। आपको बता दें कि, कुछ दिन पहले कटारे अजय सिंह से मिले थे जहां दिग्विजय सिंह पहले से मौजूद थे। अब लग रहा है कि उनकी मुलाकात सार्थक रही।

कटारे ने कहा अजय बनते तो आपत्ति न होती
कटारे ने कहा कि, अजय सिंह और कालूखेड़ा दोनों ही मेरे वरिष्ठ हैं। अगर मेरी जगह अजय सिंह को यह जिम्मेदारी दी जाती तो मुझे कोई आपत्ति न होती।

सोनिया थीं नाराज
बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में चल रही गुटबाजी की राजनीति से सोनिया गांधी खासी नाराज थीं। शायद यही वजह है कि नेता प्रतिपक्ष के नाम का फैक्स आज 10 जनपथ से आया।

पार्टी के लिए अच्छा संकेत
महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा ने 10 जनपथ से आए इस फैसले को पार्टी के पक्ष में बताया और कहा कि यह एक नई शुरूआत है। पार्टी के लिए यह एक अच्छा संकेत है।

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