उपदेश अवस्थी/भोपाल। घनश्याम पिरौनिया, यह वो नाम है जिसका दैनिक भास्कर में कभी उपहास उड़ाया जाता था परंतु आज दैनिक भास्कर पूरे गर्व के साथ इस नाम का जिक्र कर रहा है।
श्री पिरौनिया एक समय में दैनिक भास्कर में काटूनिस्ट हुआ करते थे। उन दिनों श्री पिरौनिया के कार्टून बड़े चर्चित हुआ करते थे और वो हर प्रमुख मुद्दे पर कार्टून बनाया करते थे। बात उन दिनों की है जब श्रीमंत माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर नया दल मध्यप्रदेश विकास कांग्रेस बनाया और फिर अपनी नई पार्टी को कांग्रेस में विलोपित कर दिया।
इस अवसर पर पिरौनिया ने एक कार्टून बनाया जिसमें टेगलाइन थी 'लौट के....' बस फिर क्या था भास्कर का प्रबंधन पिरौनिया पर बिगड़ गया और उनका 5 दिन का वेतन काट लिया गया। जब पिरौनिया ने भास्कर से बाय बाय करके राजनीति की शुरूआत की तो उनका खूब मजाक उड़ाया गया।
भास्कर के कई अधिकारी इसे घनश्याम पिरौनिया का सबसे बड़ा और बेवकूफी भरा डिसीजन बताया करते थे पंरतु भास्कर के ही कई कर्मचारी पिरौनिया का समर्थन करते थे। बीते रोज जब भांडेर से विधायक चुने जाने के बाद पिरौनिया ने शपथ ग्रहण के समय कहा 'मैं घनश्याम पिरौनिया कार्टूनिस्ट दैनिक...' तो भास्कर प्रबंधन की बाछें लिख गईं।
इस लाइन को दैनिक भास्कर ने बड़े ही गर्व के साथ प्रकाशित किया है।