भोपाल। महर्षि स्कूल की तत्कालीन शिक्षिका के साथ कथित दुष्कर्म के आरोपी महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गिरीश वर्मा की बुधवार को पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद जेल भेज दिया गया।
उन्हें यहां हवालती वार्ड के बैरक नंबर नौ में रखा गया है। साथ ही उन्हें अब जेल में एक नया कैदी नंबर 6364 आवंटित कर दिया गया है। जेल में उन्हें इसी नाम से पुकारा जाएगा। जेल में दाखिल होने के बाद सबसे पहले गिरीश वर्मा का मेडिकल चेकअप भी किया गया, जिसमें उनका ब्लड पे्रशर सामान्य था। जेल अधीक्षक एमआर पटेल ने बताया कि महर्षि महेश योगी वैदिक विवि के कुलाधिपति वर्मा की उम्र 50 साल से ज्यादा है और उन्हें अभी सजा नहीं हुई है। इसलिए वर्मा को हवालाती वार्ड में रखा गया है। उनके साथ अन्य हवालाती कैदियों को भी रखा गया है।
लाइन में लगकर लेना होगा नाश्ता
जेल में बंद होने के बाद वर्मा को जेल के नियम कानून का पालन करना होगा। साथ ही उन्हें अन्य हवालाती बंदियों की तरह सुबह जल्द उठना होगा। इसके साथ ही सुबह प्रार्थना भी करनी होगी। इसके बाद सुबह पोहा खाने के लिए लाइन में लगना होगा। नंबर आने के बाद उन्हें नाश्ता दिया जाएगा। नाश्ते में पोहा और चाय मिलेगी।
जेब कट के साथ गुजारी वर्मा ने रात
भोपाल की सेंट्रल जेल में बुधवार की रात महर्षि महेश योगी वैदिक विवि के कुलाधिपति वर्मा की रात भोपाल के जेब कट के साथ गुजारी। दरअसल जिस हवालाती वार्ड में उन्हें रखा गया है। वहां पर कई जेब-कट और मारपीट के मामलों में बंद हवालाती कैदी बंद है। जेल सूत्रों का कहना है कि वर्मा ने रात में जेल अधिकारियों से अध्यात्मिक किताब पढ़ने की मांग की। जिस पर रात में फैसला नहीं हो पाया था। सुविधा संपन्न कमरों में सोने वाले गिरीश वर्मा को हवालाती बंदियों की तरह जेल में दरी पर सोना होगा। ओढ़ने के लिए एक कंबल और चादर दी गई है। यहां पर उन्हें न तो सोने में गद्दे दिए जाएंगे। न ही यहां पर उन्हें अन्य सुविधाएं भी मिलेगी।