भोपाल। बिना सूचना दिए आरक्षित सीट को दूसरे कोच में शिफ्ट करने के मामले में दिल्ली की एक उपभोक्ता फोरम ने रेलवे को निर्देश दिया है कि वह हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस व उसके परिजनों को साठ हजार रुपए मुआवजा दे।
नई दिल्ली उपभोक्ता फोरम ने कहा कि तथ्यों से साफ जाहिर है कि रेलवे ने शिकायतकर्ता जस्टिस को दी गई सीट किसी अन्य को दे दी,जिस कारण शिकायतकर्ता व उसके परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। फोरम ने कहा कि रेलवे की इस हरकत के कारण शिकायतकर्ता को काफी मानसिक परेशानी उठानी पड़ी। फोरम के अध्यक्ष सी.के.चतुर्वेदी ने कहा कि मामले के तथ्यों के आधार पर रेलवे को सेवाओं में कोताही का जिम्मेदार पाया गया है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस दीलिप रॉवसाहेब देशमुख ने शिकायत दायर की थी। जो कंपनी लॉ बोर्ड में चेयरमैन भी हैं। वह ट्रेन से दतिया,मध्यप्रदेश से भोपाल आ रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी व बेटी भी थी। जिस कोच में उनकी पत्नी व बेटी की सीट आरक्षित थी, उसे अंदर से बंद कर दिया गया था। जब उसने टिकट चेकर से पूछा तो बताया कि उनकी सीट अन्य कोच में शिफ्ट कर दी गई है।