भोपाल। मध्यप्रदेश में लावारिस हो गई कांग्रेस के एकमात्र पॉवरफुल पोजीशन नेताप्रतिपक्ष के लिए फ्रेंडली 20/20 की तारीख तय कर दी गई है। दिल्ली के दो नेता आएंगे और 20/20 के बाद 10 जनपथ से दिए गए नाम की घोषणा कर जाएंगे।
आधिकारिक रूप से कहा जा रहा है कि पांच जनवरी को केंद्र की ओर से पर्यवेक्षक बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी और वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नाडीस भोपाल आकर पीसीसी मुख्यालय में विधायकों से वन-टू-वन चर्चा कर उनका मंतव्य जानने की कोशिश करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष के लिए इस बार वोटिंग नहीं होगी, क्योंकि पार्टी हाईकमान की मंशा है कि सर्वानुमति से निर्णय हो। वैसे भी महज 58 विधायकों के हिसाब से वोटिंग के पक्ष में पार्टी के विधायक भी नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सत्यदेव कटारे, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, मुकेश नायक, रामनिवास रावत और बाला बच्चन के नाम शामिल हैं।
माना जा रहा है कि 10 जनपथ की पर्ची में सत्यदेव कटारे का नाम होने की संभावना ज्यादा है। कटारे केंद्रीय ऊर्जामंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं और चूंकि उनके रिश्ते केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, सुरेश पचौरी, अजय सिंह से भी बेहतर हैं,लिहाजा इसका लाभ उन्हें मिल सकता है। दिलचस्प बात यह है कि नेता प्रतिपक्ष के संभावित अन्य दावेदारों में कालूखेड़ा, रावत व नायक भी सिंधिया खेमे से ही आते हैं।
कालूखेड़ा को उनकी वरिष्ठता के मद्देनजर विधानसभा उपाध्यक्ष तो आदिवासी विधायक बाला बच्चन को विधानसभा का उपनेता बनाने पर सहमति बन सकती है। मुकेश नायक इस पद के गंभीर दावेदार कहे जा रहे है, लेकिन कांग्रेस पार्टी छोड़कर अन्य दल से चुनाव लड़ने का मुद्दा उनके दावे को कमजोर बना रहा है। लोकसभा चुनाव के लिहाज से पार्टी ब्राम्हण और आदिवासी समीकरणों को दुरूस्त करना चाहेगी।
सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों अजय सिंह ने दिल्ली में अपनी दूसरी पारी की संभावनाएं तलाशीं परंतु जब ग्रीन सिग्नल नहीं मिला तो उन्होंने बड़ा बनकर कुर्सी किसी नए जूनियर को सौंपने की पेशकश कर दी।
5 जनवरी को होने वाली रायशुमारी में विधायक आम सहमति से एक लाईन का प्रस्ताव बनाकर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को इस चयन के लिए अधिकृत करेंगे। इसके बाद हाईकमान अपनी मुहर लगाकर इन पदों के लिए छ: जनवरी को नामों का ऐलान कर सकता है। आठ जनवरी से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है।