भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में बाकायदा नाप लेने के बाद भी दो ढीली पेंट सिलकर देना एक टेलर को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता फोरम ने सही नाप के मुताबिक कपडे़ नहीं सिलने को सेवा में कमी करार देते हुए टेलर को आदेश दिया कि वह अपने ग्राहक को एक हजार रुपये के हर्जाने समेत 3,050 रुपये अदा करे।
उपभोक्ता फोरम ने भवन निर्माण सामग्री के ठेकेदार धर्मेन्द्र चौकसे द्वारा स्थानीय प्रतिष्ठान जूली टेलर्स के खिलाफ दायर याचिका पर दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद यह आदेश दिया। उपभोक्ता फोरम ने टेलर को आदेश दिया कि वह गलत नाप के दोनों पेंट चौकसे से वापस ले और इनके कपडे़ की कीमत तथा इनकी सिलाई के लिए वसूली गयी 1,050 रुपये की राशि अपने ग्राहक को लौटाये। इसके साथ ही, ग्राहक को हुई मानसिक पीड़ा के बदले उसे एक हजार रुपये का हर्जाना अदा करे और उसकी जेब से मुकदमे पर हुए खर्च के लिये भी एक हजार रुपये वहन करे।
चौकसे ने बताया कि उन्होंने अपनी शादी के मौके पर 29 अक्टूबर 2011 को जूली टेलर्स से कपडे़ खरीदकर अपने दो जीजाओं के पेंट-शर्ट का नाप दिलवाया था। ये परिधान उनकी बारात निकलने के वक्त पहने जाने थे। उन्होंने कहा कि टेलर ने उनके दोनों जीजाओं के नाप से कहीं बडे़ पेंट सिलकर दे दिये। नतीजतन वे उनकी बारात के वक्त ये कपडे़ नहीं पहन सके। इससे उन्हें अपने विवाह में रिश्तेदारों के सामने खासी शर्मिंदगी और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी।
चौकसे ने कहा कि जब टेलर ने उनके दोनों जीजाओं के गलत नाप के पेंट वापस नहीं लिये और इन्हें उनके सही नाप के मुताबिक सुधारकर नहीं दिया, तो उन्होंने आखिरकार उपभोक्ता फोरम की शरण ली।