भोपाल। लक्ष्मीकांत शर्मा के पूर्व ओएसडी ओपी शुक्ला यदि शीघ्र ही अपने मूल विभाग में हाजिर नहीं हुए तो उन्हें बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। सनद रहे कि संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले में श्री शुक्ला फरार चल रहे हैं।
23 दिसंबर को शुक्ला ने एक महीने की छुट्टी का आवेदन पत्नी के हाथ वल्लभ भवन पहुंचाया था, जिसे शनिवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने खारिज कर दिया।
विभाग ने शुक्ला के घर नोटिस भेजकर सात दिन में हाजिर होने का आदेश दिया है। सोमवार को शुक्ला हाजिर नहीं हुए तो निलंबन तय है। लगातार तीस दिन तक अनधिकृत रूप से गायब शुक्ला को निलंबन के बाद बर्खास्तगी का सामना करना पड़ सकता है।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शुक्ला एसटीएफ से बचने के लिए भागते फिर रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने 10 दिसंबर को सभी मंत्रियों के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों को वापस उनके मूल विभाग में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा था।
लेकिन शुक्ला ने अब तक जीएडी में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। उनकी पत्नी 23 दिसंबर को गुपचुप मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के पास पहुंची और शुक्ला का एक माह का अवकाश स्वीकृत करने का आवेदन पेश किया। सामान्य तौर पर अवकाश के आवेदन में अवकाश अवधि का पता और अवकाश का कारण लिखा होता है लेकिन इस आवेदन में न तो अवकाश अवधि के पते का जिक्र था और न ही अवकाश के कारण की कोई जानकारी थी।
उमा भारती ने भेजा जवाब
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का जवाब एसटीएफ को मिल गया है। जांच एजेंसी अब इसका परीक्षण करेगी। इसके बाद वो अगला कदम उठाएगी। उमा का जिक्र संविदा शाला शिक्षक वर्ग की भर्ती परीक्षाओं में हुई दो अलग-अलग एफआईआर के विवरण में गिरफ्तार नितिन मोहिन्द्रा ने किया है। इधर, इसी मामले में फरार ओएसडी ओपी शुक्ला का रिकॉर्ड सामान्य प्रशासन विभाग से एसटीएफ मांगने जा रहा है।