भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनजाने में ही सही लेकिन तीसरी बार शपथ लेने के बाद सबसे पहली घोषणा शराब माफिया को फायदा पहुंचाने वाली की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेते हुए भले ही घोषणा कर दी कि मध्यपद्रेश में शराब की दुकानों की संख्या नहीं बढ़ने देंगे। सीएम ने यह घोषणा तो ऐसे हाव-भाव में कि जैसे वह प्रदेश में शराब बंदी की घोषणा कर रहे हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री की यह घोषणा शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने वाली ही है। शराब ठेकेदार कतई नहीं चाहते कि शराब दुकानों की संख्या बढ़े। क्योंकि ऐसे में माफियाओं का आर्थिक लाभ ज्यादा नहीं हो पाता है। जब दुकानें कम होगीं तो दो नंबर की शराब ज्यादा बिकेगी इसमें जुड़े लोगों का स्वार्थ भी पूरा होगा।
अगर मुख्यमंत्री को वाकई शराब पर थोड़ा बहुत अंकुश लगाना था तो उन्हें शराब की दुकानों की आड़ में चल रहे वैध-अवैध अहातों पर सबसे पहले प्रतिबंध लगाना चाहिए। और साथ ही ग्रामीण इलाकों में शराब के प्रतिबंध के उपायों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। प्रदेश के लगभग सभी गावों में खासतौर पर बुंदेलखण्ड क्षेत्र के इलाकों में आजकल नाबालिक तक शराब के फेर में फंस गए हैं।
- जैसा Dharmendra Singh Thakur ने अपनी एफबी पर पोस्ट किया।