भोपाल। शिवराज सिंह की सरकार का तीसरा मंत्रीमंडल बनकर तैयार हो गया है। आधी रात को कोई फेरबदल नहीं हुआ तो शनिवार को यही मंत्रीमंडल शपथ लेगा। संघ और दिल्ली से बातचीत के बाद सबकुछ फाइनल हो गया है।
संघ की ओर से जयभान सिंह पवैया
जयभान सिंह पवैया के नाम पर संघ ने अपनी मुहर लगाई है। दरअसल, भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में हमेशा एक चेहरा ऎसा रहता है जो संघ और भाजपा के बीच का हो। पिछली सरकार में यह चेहरा लक्ष्मीकांत शर्मा थे लेकिन इस बार उनकी हार के बाद यह जिम्मेदारी जयभान सिंह पवैया को मिलने वाली है। यही वजह है कि संघ ने जयभान सिंह पवैया को अपनी पसंद बताया है। संभव है कि पवैया को संस्कृति और उच्च शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा दिया जाए।
मुश्किल में माया, सिंधिया का नाम तय
माया सिंह का मंत्री बनना मुश्किल हो गया है। दरअसल, यशोधरा राजे सिंधिया मंत्री बन रही हैं। ऎस में एक घर से दो लोगों को मंत्री बनाना संभव नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष होंगे सरताज सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर बाबूलाल गौर को पसंद कर रहे हैं लेकिन बाबूलाल गौर इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऎेसे में दूसरे विकल्पों के तौर पर सरताज सिंह सबसे मजबूत होकर उभरे हैं लेकिन उनकी इच्छा भी मंत्री बनने की है। दो और नाम भी संभावितों में हैं। जिनमें सीधी के केदार शुक्ला व होशंगाबाद के सत्यनारायण शर्मा हैं लेकिन केदार शुक्ला का विरोध रीवा से ही हो रहा है। ऎसे में मामला फंस गया है। यह चारों नाम ऎसे हैं, जिनमें से एक विधानसभा अध्यक्ष बनेगा और बाकी के तीनों नामों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
खतरे में पुराने मंत्रियों की कुर्सी
शिवराज अपनी पिछली सरकार के कई मंत्रियों की वापसी नहीं कर रहे हैं। जिन नामों पर तलवार लटकी है, उनमें अर्चना चिटनीस, जगदीश देवड़ा, विजय शाह, रंजना बघेल, तुकोजीराव पंवार, गौरी शंकर बिसेन का नाम भी शामिल है। चिटनीस, देवड़ा व शाह को मालवा व निमाड़ में लोकसभा के लिए पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उमाशंकर गुप्ता पर भी उहापोह बाकी है, उनकी अगर वापसी होगी तो उन्हें परिवहन विभाग का जिम्मा दिए जाने की तैयारी है। दरअसल, सरकार को डर है कि कहीं भर्ती घोटालों के छींटे गुप्ता तक न आ जाएं। ऎसे में उन्हें दूसरे विस्तार तक रोका जा सकता है।