ग्वालियर। राजस्थान की मुख्यमंत्री बसुन्धरा राजे सिंधिया का स्टेट प्लेन कोहरे की वजह से राजमाता सिंधिया विमानतल पर नहीं उतर सका तो वह सीधे रायपुर के लिये रवाना हो गईं।
रानी महल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर उतरकर हेलीकाॅप्टर से पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्रसिंह को लेकर दतिया पीताम्बरा पीठ पर पूजा अर्चना के लिये जाना था, लेकिन कोहरे की वजह से विमान नहीं उतर सका अब वे रायपुर से ग्वालियर आकर हेलीकाॅप्टर से दतिया पीताम्बरा मंदिर जाकर स्टेट प्लेन से अपने साथ ध्यानेन्द्रसिंह व दो अन्य लोगों को लेकर जयपुर रवाना होगीं। 13 दिसंबर को उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेना हैं।
सनद रहे कि सिंधिया राजवंश की दोनों बेटियां वसुंधरा राजे सिंधिया एवं यशोधरा राजे सिंधिया अपने जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण कदम का शुभारंभ मॉं पीताम्बरा के आशीर्वाद लेने के बाद ही करतीं हैं। कई बार अलसुबह 4 बजे इन्हें मंदिर में देखा जा सकता है और वसुंधरा राजे सिंधिया तो इस ट्रस्ट की ट्रस्टी भी हैं। यह उनकी आस्था का प्रमुख केन्द्र है और देश भर की तमाम राजनैतिक हस्तियों का भी। स्वयं इंदिरा गांधी भी यहां माथा टेक चुकीं हैं।
न्याय में मील का पत्थर साबित होगी सीजे की पहल
ग्वालियर। प्रदेश के नये चीफ जस्टिस अजय माणिराव खानविलकर की पहल को अधिवक्ताओं ने स्वागत योग्य बताया है, अधिवक्ताओं का मानना है कि अब हर प्रकरण की तारीख तय होगी। पक्षकार को अपने प्रकरण की आगामी तिथि काॅज लिस्ट देखकर पता होगी। सदस्य राज्य अधिवक्ता परिषद पे्रम सिंह भदौरिया, डीपी सिंह अधिवक्ता उच्च न्यायालय, विनोद शर्मा अधिवक्ता, पवन विजयवर्गीय, सौरभ जैन, संगम जैन अधिवक्ता ने रोस्टर प्रणाली का स्वागत किया है, प्रेमसिंह भदौरिया ने प्रकरणों के निस्तांरण के लिये सीजे से मध्य प्रदेश में जजों की कमी को दूर करने की दिशा में पहल करने की बात कही उनका कहना था कि जजों की कमी दूर हो जायेगी तो लंबित प्रकरणों का जल्द निस्तांरण होगा। अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी का कहना है कि सीजे की नई रोस्टर प्रणाली पक्षकारों की न्याय की उम्मीद को पूरा करेगी, लंबित प्रकरण लंबित नहीं रह सकेंगे शीघ्र और सुलभ न्याय मिलेगा। पक्षकार और अधिवक्ताओं के लिये नई प्रणाली मील का पत्थर साबित होगी। कुछ अधिवक्ताओं का कहना था कि नई प्रणाली के परिणाम सामने आने के बाद ही आंकलन बेहतर हो सकेगा।
रात्रि में निश्चित अवधि के बाद शोर पर प्रतिबंध
डबरा। एसडीएम अनुराग चैधरी ने बोर्ड की परीक्षाओं एवं आम आदमियों को हो रही बैंड बाजों द्वारा देर रात्रि में शोर मचाये जाने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये हैं साथ बैंड बाजों के साथ बरातों में चलने वाली रेडी जिस पर डीजे लगा रहता है पर भी प्रतिबंध लगाया है आदेश की अवहेलना करने पर धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किये जाने के निर्देश दिये हैं। वर्तमान में कुछ मैरिज गार्डनों में रात्रि 2ः00 बजे तक तेज आबाज में लाउड़ स्पीकर डीजे माननीय न्यायालय के निर्देशों के विरूद्ध बजाये जाते हैं शिकायत करने पर झगड़ने को तैयार हो जाते हैं बच्चों की पढ़ाई, बीमार और वृद्ध लोगों की नींद खराब होती है पूर्व में भी रात्रि 10ः00 बजे के बाद शोर पर प्रतिबंध हैं परंतु कुछ मैरिज संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, इसके अलावा धार्मिक कार्यक्रमों की आड़ में भी देर तक तेज आबाज में लाउड़ स्पीकर बजाते हैं।