भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी तीसरी पारी में किन-किन विधायकों को मंत्री पद से नवाजेंगे, इस पर असमंजस जरूर बना हुआ है, लेकिन इतना तय है कि जो नए मंत्री बनेंगे, उन्हें पुरानी गाड़ियों(टाटा सफारी) से ही काम चलाना पड़ेगा।
नई सरकार के बनने के बाद स्टेट गैरिज ने पुरानी गाड़ियों को चमका तो दिया है, लेकिन इनमें से कई गाड़ियां ऐसी हैं, जिन्हें पुराने मंत्रियों ने खूब दौड़ाया है। नए मंत्रियों को करीब छह महीने या एक साल तक पुरानी गाड़ियों से ही काम चलाना पड़ेगा। इस बजट में सरकार ने नई गाड़ियां खरीदने का प्रावधान भी नहीं किया था। अगले बजट में ही मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां खरीदने के बारे में विचार किया जाएगा।
पिछली सरकार में करीब-करीब सभी मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां खरीदी गई थीं, लेकिन गाड़ियों की हालत खस्ता हो गई है जो मंत्रियों के पास थी, जिनका निर्वाचन क्षेत्र राजधानी के मीलों दूर था। इन मंत्रियों ने अपने क्षेत्र के दौरों से लेकर राजधानी आने-जाने में और प्रदेश में अन्य स्थानों पर भ्रमण के लिए अपनी सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल किया। ऐसे मंत्रियों की गाड़ी बहुत अधिक चलीं।
इन गाड़ियों में मेंटेनेंस का काम ज्यादा हुआ है और इन्हें रंग-रोगन करके मंत्रियों के लायक बनाया गया। हालांकि कई मंत्री ऐसे भी जिनकी गाड़ियां बहुत कम चलीं। राजधानी स्थित स्टेट गैरिज में शिवराज सरकार के नए मंत्रियों तीन दर्जन से ज्यादा गाड़ियां तैयार हो रही हैं। गाड़ियों की सर्विसिंग कर दी गई और कवर-सीट भी बदल दिए गए हैं। सभी मंत्रियों ने पहले ही स्टेट गैरिज में अपनी कारें जमा करवा दी थीं। इन मंत्रियों में चुनाव जीतने और हारने वाले 10 मंत्री भी शामिल हैं। इन कारों को एक बार फिर नए मंत्रियों को सौंप दिया जाएगा।
दो साल पहले खरीदीं थीं तीन दर्जन सफारी
राज्य शासन ने दो साल पहले मंत्रियों के लिए दो किस्तों में करीब तीन दर्जन टाटा सफारी खरीदी थी। फिलहाल इन मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां खरीदने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सूत्र बताते हैं कि नई डिमांड आने पर ही इस बारे में कोई विचार किया जाएगा। वैसे सूत्र यह भी बताते हैं कि नई गाड़ियों की व्यवस्था नए बजट में हो सकेगी।