भेष बदलकर भाग रहा नारायण साईं गिरफ्तार, पढ़िए पूरी कहानी

नई दिल्ली। कई राज्यों की पुलिस को 58 दिन तक छकाने के बाद नारायण साईं आखिरकार अब दिल्ली पुलिस के शिकंजे में है। वो भेष बदलकर छिपा हुआ था और लगातार मोबाइल नंबर व ठिकाने बदल रहा था, परंतु उसके ड्रायवर का नंबर...।

दिल्ली और सूरत पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में उसे साथियों के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र से दबोचा। रेप का केस दर्ज होने के बाद नारायण फरार था। तभी से वह भेष बदल-बदल कर छिप रहा था। करीब दो महीने तक पुलिस को छकाने के बाद कैसे हाथ आया नारायण साईं आइए आपको बताते हैं...

2 दिसंबरः साईं की पंजाब में होने की खबर मिली-दिल्ली और सूरत पुलिस की जॉइंट टीमें नारायण साईं की तलाश में जुटी थी। 2 दिसंबर को पुलिस को नारायण साईं के बारे में खबर मिली। पता चला कि नारायण साईं पंजाब के लुधियाना में कहीं छिपा है। साईं का पता दरअसल मोबाइल नंबर के जरिए मिला। यह मोबाइल नंबर नारायण के ड्राइवर रमेश का था। वह दूसरे ड्राइवर विष्णु से संपर्क में था।

3 दिसंबरः पुलिस टीम रवानाः साईं को दबोचने के लिए पुलिस की टीम पूरी तैयारी के साथ लुधियाना रवाना हुई। लेकिन हमेशा की तरह नारायण साईं पुलिस को यहां भी चकमा देने में कामयाब रहा।

दिल्ली की ओर भागा साईं: नारायण साईं लुधियाना में पुलिस के हाथ नहीं आया, लेकिन एक बेहद अहम जानकारी पुलिस के हाथ लग गई। सूचना थी, साईं अपनी SUV से दिल्ली की ओर भागा है।

कुरुक्षेत्र में दबोचा गयाः इसके बाद नारायण साईं का पीछा शुरू हुआ। 3 दिसंबर की रात दस बजे नारायण साईं को कुरुक्षेत्र के पीपली में नैशनल हाइवे के पास पेट्रोल पंप पर दबोचा गया। गाड़ी में नारायण साईं के साथ तीन और लोग मौजूद थे। इनमें एक उसका खास हनुमान भी शामिल है। नारायण साईं ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह करीब 20 दिन पहले लुधियाना पहुंचा था।

पहनी हुई थी पैंट, टी-शर्ट और जैकेटः जब नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया वह सिखों की वेशभूषा में था। उसने टीशर्ट, पैंट और जैकेट पहनी हुई थी। उसने पहचान छिपाने के लिए लाल रंग की पगड़ी भी लगाई हुई थी।

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