भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंलगवार को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नए मंत्रिमंडल गठन से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा कर उनका अनुसमर्थन लेकर भोपाल लौट आए हैं। इसके साथ ही मंत्रिमंडल को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।
मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीदें पूर्व मंत्रियों को हैं,तो विधायक बने कई चेहरे भी शिवराज केबिनेट में स्थान मिलने की आस लगाए बैठे हुए हैं। मंत्रिमंडल में कितने पुराने और कितने नए चेहरों को मौके मिलेंगे,इसे लेकर केवल अंदाजे लगाए जा रहे हैं।
मगर एक बड़ी खबर यह मिल रही है कि शिवराज केबिनेट में चौंकाने वाले नाम भी हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में शामिल रहे अधिकांश पुराने चेहरों के विभागों में बड़े बदलाव होंगे। पुराने मंत्रियों को नए विभाग दिए जाएंगे,जबकि मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए चेहरों को बड़े विभागों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल के संभावित सदस्यों और विभागों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने आला नेताओं को अवगत करा दिया है। गृह, जनसंपर्क, सामान्य प्रशासन, विमानन जैसे विभाग मुख्यमंत्री फिलहाल अपने पास रख सकते हैं।
किसका घटेगा तो किसका बढ़ेगा कद
स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस कुछ मामलों को लेकर विवादों में घिरी हुई हैं। उनसे स्कूल शिक्षा का विभाग वापस लिया जा सकता है। विवादों के चलते उनका मंत्रिमंडल में आना ही शंकास्पद है। तो महिला
बाल विकास मंत्री रहीं रंजना बघेल से विभाग की जिम्मेदारी वापस ली जाएगी। क्योंकि वे भी विवादों में हैं। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव का विभागीय कामकाज अच्छा रहा,मगर वे नया विभाग चाहेंगे। उनकी इच्छा कृषि सहकारिता जैसे विभाग की है।
ऊर्जा एवं खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ला को अटल ज्योति अभियान को सफलता पूर्वक चलाने की वजह से ऊर्जा विभाग यथावत रखा जा सकता है,तो खनिज विभाग किसी और को देकर उन्हें किसी नए महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अपने काम से शिव की कसौटी पर सफल रहे नरोत्तम मिश्रा के कद में इजाफा करते हुए मुख्यमंत्री उन्हें संसदीय कार्य के साथ जनसंपर्क विभाग देने का निर्णय कर सकते हैं। इस दौड़ में रामपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह के नामों की भी चर्चा है। जलसंसाधन मंत्री रहे जयंत मलैया को नया वित्तमंत्री बनाया जा सकता है। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री रहे बाबूलाल गौर इसी विभाग में बने रहना चाहेंगे। हालांकि उनका नाम विधानसभा अध्यक्ष के संभावित पैनल में सबसे ऊपर है। तो कैलाश चावला दूसरे व तीसरे नंबर पर केदारनाथ शुक्ला हैं। कैलाश विजयवर्गीय को उद्योग विभाग में यथावत रखा जा सकता है। गृहमंत्री रहे उमाशंकर गुप्ता से विभाग वापस लिया जाएगा। संभावित मंत्रियों में शामिल रामपाल सिंह को पीएचई, चौधरी चंद्रभान सिंह को राजस्व विभाग दिया जा सकता है। पर्यटन एवं खेलकूद विभाग के मंत्री रहे तुकोजीराव पवार से विभाग वापस लिया जाएगा।