भोपाल। इलाज अधूरा छोड़कर भोपाल जिले के 92 एड्स रोगी गायब हो गए हैं, जिनके बारे में अब स्वास्थ्य विभाग से लेकर मप्र एड्स नियंत्रण समिति तक को कुछ पता नहीं है। ऐसे में इन एड्स रोगियों से आगे भी संक्रमण फैलने की आशंका गहरा गई है।
गौरतलब होगा कि, भोपाल जिले में 3226 एचआईवी पाजीटिव रोगी हैं, जिनका निशुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से 92 रोगियों ने इलाज करवाए बगैर बीच में ही गायब हो गए हैं। इनके बारे में बीते सालभर से स्वास्थ्य विभाग या एमपी सैक को कुछ भी अता पता नहीं है। ऐसे में इन गायब होने वाले रोगियों के कारण दूसरों को एड्स रोग की चपेट में आने की आशंका गहरा गई है। इनकी जानकारी लेने के लिए विभिन्न प्रयास जारी हैं।
कैंडल मार्च आज
जिला एड्स नियंत्रण एवं रोकथाम अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा ने शनिवार को एड्स नियंत्रण पर रोकथाम केन्द्र में आयोजित मीडिया वर्कशाप में बताया कि, प्रदेश में 33692 एचआईवी प्रभावित हैं। इनमें सर्वाधिक इंदौर में 8093 और सबसे कम अलीराजपुर में 21 हैं। इनमें से 88 प्रतिशत सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों के कारण पाजीटिव हुए हैं।
सभी रोगियों का निशुल्क इलाज किया जाता है, सारे रोगियों को लगातार फालो किया जाता है। उन्होंने बताया कि लोगों में बचाव के प्रति चिंता बढ़ने का ही नतीजा है कि, जिले या प्रदेश में एचआईवी पाजीटिव के रोगी नहीं बढे। डॉ. वर्मा ने बताया कि एड्स के प्रति जनजागरुकता लाने के उद्देश्य से रविवार शाम 5 बजे न्यू मार्केट में कैंडल मार्च निकाला जाएगा, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल होंगे।