इंदौर। वर्ष 2012 में हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के उपनिरीक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने खनन कारोबारी सुधीर शर्मा और आईपीएस अधिकारी आर.के. शिवहरे सहित 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
आरोप है कि व्यापमं के अफसरों ने शर्मा सहित अन्य आरोपियों से सांठगांठ कर 17 परीक्षार्थियों का चयन गलत तरीके से कर दिया। एसटीएफ ने इसके लिए हुए लाखों रुपए के लेन-देन का हिसाब भी जब्त किया है। एसटीएफ इस मामले में सुधीर शर्मा को तलाश रही है, वहीं इस मामले में बचते फिर रहे शर्मा ने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की है। शुक्रवार को याचिका की सुनवाई होनी है।
एसटीएफ ने 23 नवंबर को भोपाल में एफआईआर दर्ज की है। इसमें व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, सुधीर शर्मा, भरत मिश्रा, आर.के. शिवहरे सहित 25 लोगों को आरोपी बनाया है। एसटीएफ ने गांधी नगर (गुजरात) की फोरेंसिक लेब से व्यापमं के सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा से जब्त कम्प्यूटर का डाटा रिकवर करवाया था।
'लेटेस्ट 2012' ने खोली पोल
डाटा में 'लेटेस्ट 2012' नाम की एक फाइल मिली थी, जो आरोपी महिंद्रा ने डिलीट कर दी थी। इसमें आरोपियों द्वारा महिद्रा को दिए गए 21 अभ्यर्थियों के रोल नंबर, नाम, उनसे प्राप्त राशि व बकाया का उल्लेख है। तस्दीक करवाई तो पता चला कि सूची में दर्ज अभ्यर्थियों में से 17 का चयन सब इंस्पेक्टर/ सुबेदार/प्लाटून कमांडेंट की परीक्षा में हो चुका है।
आरटीआई की आड़ में हेराफेरी
: एसटीएफ ने एफआईआर में बताया पंकज त्रिवेदी की 'मिलीभगत' से स्कैन डाटा में छेड़छाड़ कर नंबर बढ़ाए जाते थे।
:फिर सूचना के अधिकार की आड़ में स्ट्रांग रूम से परीक्षार्थी की ओएमआर सीट निकालकर उसमें स्कैन डाटा में किए गए सुधार के अनुसार सही उत्तरों पर गोले बना दिए जाते थे।
: इससे व्यापमं के कर्मचारियों द्वारा की गई गड़बड़ी भी पकड़ में आने की संभावना खत्म हो जाती थी।
:एसटीएफ ने आरोपियों पर धारा 420, 467, 468, 471 और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया हैं।
किसकी क्या भूमिका
आर.के. शिवहरे - गौरव श्रीवास्तव, सेम श्रीवास्तव, प्रलेख तिवारी के चयन में 15 लाख प्रति परीक्षार्थी के हिसाब से 45 लाख रुपए महिंद्रा को दिए।
सुधीर शर्मा - संतोष शर्मा, राजेंद्रसिंह, केहरसिंह राजपूत, ज्योति साहू के नाम पंकज त्रिवेदी के माध्यम से मिलने का उल्लेख है। यहां प्राप्त राशि की जगह 'निल' लिखा गया। शर्मा के खिलाफ आरक्षक भर्ती घोटाले में भी एफआईआर हुई है। प्रदीप रघुवंशी - शाहिद शेख के लिए 10 लाख दिए।
पंकज त्रिवेदी- सुधीर सिंह गुर्जर, श्रीकृष्ण सिकरवार, प्रवेश उदनी, इरफान खान, संजीव पटेल, रविराजसिंह बघेल के नाम चयन के लिए दिए। इनसें भी प्राप्त राशि के कॉलम में 'निल' लिखा है।
भरत मिश्रा, भोपाल - अभिजीत सिंह पंवार, जीतेंद्रसिंह चंद्रावत, जितेंद्र रघुवंशी, कमलेंद्रसिंह, भूपेंद्रसिंह, हर्षवर्धन चौहान, कुणालसिंह राठौर के चयन के लिए प्रति आवेदक सात लाख के हिसाब से 49 लाख दिए।
हस्तक्षेप आपत्ति याचिका दाखिल
इंदौर निवासी इंदर प्रजापत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर दलाल ने इस मामले में हस्तक्षेप याचिका लगाते हुए कहा है कि सुधीर शर्मा की गिरफ्तारी से व्यापमं के उच्च स्तरीय घोटाले के कई सबूत उजागर होंगे।
याचिका में शर्मा ने कहा- व्यापमं के अफसरों ने ही किया लेनदेन
सुधीर शर्मा ने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में दायर याचिका में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की प्रार्थना की है। याचिकाकर्ता ने खुद को सिर्फ माइनिंग बिजनेस से जुड़ा करार देते हुए कहा कि व्यापमं और उसके अधिकारियों से उनका कोई संबंध नहीं हैं। लेनदेन व्यापमं के अफसरों ने ही आपस में किया है। एफआईआर में आरोपियों के नाम की जगह 'सुधीर शर्मा माइनिंग वाले' लिखे जाने को भी याचिका में उठाया है।