भोपाल। विद्यार्थी अब न तो प्रवेश-पत्र के लिए भटकेंगे, न परीक्षाओं की तारीख में भी बार-बार बदलाव होगा और न ही रिजल्ट के लिए महीनों इंतजार करना पड़ेगा।
दरअसल, मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद ने इस बार 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की तर्ज कराए जाने की तैयारी की है। यदि ऐसा होता है, तो छात्र-छात्राओं को कई परेशानियों से निजात मिल जाएगी।
राज्य मुक्त स्कूल की परीक्षाओं के लिए योजना तैयार की जा रही है। सबसे पहले परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया जाना है, क्योंकि अब तक राज्य मुक्त स्कूल की 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं का कोई निश्चित प्रक्रिया नहीं थी और परीक्षाएं भी देरी से होती थीं। राज्य मुक्त स्कूल में फर्जी मार्कशीटों का मामला सामने आने के बाद व्यवस्थाएं सुधारी जा रही हैं, जिससे आने वाले समय में इस तरह की गलती न दोहराई जा सके। गौरतलब है कि करीब महीने भर पहले 500 फर्जी मार्कशीट का मामला पकड़ा गया था, जिसमें आधा दर्जन गिरμतारियां की जा चुकी हैं। इस मामले में एसटीएफ द्वारा अब भी कार्रवाई जारी है। राज्य मुक्त स्कूल के संचालक शत्रुंजय प्रताप सिंह बिसेन का कहना है कि छात्र-छात्राआें को सुविधा प्राप्त हो और कार्यों का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे, इसके लिए कुछ योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनको पूरा हो जाने पर लागू कर दिया जाएगा।
प्राचार्यों से रिकॉर्ड मंगाया
राज्य मुक्त स्कूल के हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में 1 लाख 46 हजार 948 विद्यार्थियों ने आवेदन भरे हैं। इसमें 10वीं के लिए 96,877 और 12वीं के लिए 50, 071 आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद ने परीक्षाओं के मद्देनजर सभी अध्ययन केंद्रों से फार्म भरने वाले नए व पूरक परीक्षार्थियों की जानकारी मंगलवार को बेवसाइट पर अपलोड कर दी है। इस बारे सभी अध्ययन केंद्र के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वह उनके कार्यालय में मैन्युअली फार्मों से परीक्षण कर 18 दिसंबर तक रिकॉर्ड राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद को भेजा जाना सुनिश्चित करें, ताकि आगे की प्रक्रिया की जा सके। अभी तक ये स्थिति होती थी कि परीक्षाओं की तारीख जानने और रिजल्ट का पता करने के लिए परीक्षार्थी भटकते रहते थे।