शिवराज सिंह के खाते में जुड़ा एक नया रिकार्ड

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खाते में कई रिकार्ड दर्ज हैं। मध्यप्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाने का रिकार्ड भी दर्ज होने जा रहा है लेकिन इससे पहले एक और रिकार्ड दर्ज हो गया। वो अकेले ऐसे सीएम हैं जिनसे मतदान के बाद इस्तीफा मांगा गया।

इस्तीफा वही अपने चिरपरिचित नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने मांगा है। कमोवेश वो पिछले 2 साल से हर सप्ताह इस्तीफा मांग रहे हैं परंतु सबकी मांगें पूरी करने वाले शिवराज सिंह चौहान उनकी मांग पर ध्यान ही नहीं दे रहे। अपनेराम को पूरा यकीन है कि इस बार भी वो अजय सिंह की मांग पूरी नहीं करेंगे, परंतु यह पढ़ना तो जरूरी ही है कि इस बार अजय सिंह ने इस्तीफा मांगा क्यों:—

एक प्रेस रिलीज में अजय सिंह ने कहा है कि व्यापम परीक्षाओं में हुए घोटालों में एक के बाद एक नए खुलासे और भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर शर्मा की भूमिका सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को जनादेश का इंतजार किए बगैर ही नैतिकता के आधार पर अपना पद छोड़ देना चाहिए और प्रदेश के सवा करोड़ युवाओं के साथ उनकी सरकार द्वारा किए गए धोखे के लिए उन्हें मांफी मांगनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा की पीएमटी, पीईटी प्रवेश परीक्षा घोटाले के बाद पांच अन्य परीक्षाओं फुड इंस्पेक्टर, सुबेदार, उपनिरीक्षक, फ्लांइग कमांडर, दुग्ध संघ की भर्ती में हुए घोटालों में प्रकरण दर्ज होने तथा भाजपा षिक्षा प्रकोष्ठ के संयोजक क्रिस्प के अध्यक्ष और खनन घोटाले के मुख्य आरोपी सुधीर षर्मा को एसटीएफ द्वारा संदेह के घेरे में लेने और उन्हें बयान के लिए तलब किया जाना इस बात की पुष्टि है की व्यापमं परीक्षाओं के घोटालों के तार सीधे मुख्यमंत्री और तकनीकी षिक्षा मंत्री से जुडे़ है। 

नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा की मैं पूर्व से ही इस पूरे घोटाले में सत्ताषीर्ष के संरक्षण में हुआ कारनामे का आरोप लगाता रहा हैं। पंकज त्रिवेदी के गिरफ्तार होने के बाद इसकी पुष्टि होना शुरू हो गई थी क्योंकि पंकज त्रिवेदी तकनीकी षिक्षामंत्री और सुधीर षर्मा की कृपा से ही इस पद पर बैठे थें। श्री सिंह ने कहा की सुधीर षर्मा को एसटीएफ द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया जाना  और पांच परीक्षाओं के घोटालें सामने आने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया की यह पूरा घोटाला सत्ता के संरक्षण में भाजपा नेताओं के कृपा पात्रों द्वारा किया जा रहा था। 

श्री सिंह ने कहा की युवाओं के हितैषी और उन्हें रोजगार देने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान के लिए इससे अधिक षर्मनाक नहीं हो सकता की उनके राज में मध्यप्रदेष के इतिहास में पहली बार युवाओं को इतना बड़ा धोखा दिया गया। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री एवं तकनीकी षिक्षा मंत्री में जरा भी नैतिकता है तो उन्हें अपना पद जनादेष आने के पूर्व ही छोड़ देना चाहिए और प्रदेष के सवा करोड़ युवाओं से इस कृत्य के लिए माफी मांगना चाहिए।

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