एक दूसरे पर टूट पढ़े शिक्षक और प्राचार्य, सिर फूटा, हाथ टूटा

उदयगढ़। शुक्रवार सुबह 11.15 बजे स्थानीय उत्कृष्ट उमावि में संस्था के प्रभारी प्राचार्य बीपी पटेल और शिक्षक एलबी सिंग के मध्य हुआ विभागीय विवाद मारपीट की नौबत तक जा पहुंचा।

श्री पटेल और श्री सिंग स्कूल परिसर में ही अपना आपा खो कर धक्का-मुक्की करने लगे। शौर सुनकर अध्ययनरत् बालक-बालिकाएं और शिक्षक कक्ष के बाहर आ गए। स्टाफ के अन्य कर्मचारियों ने आपस में भीडे हुए प्राचार्य और शिक्षक को अलग किया। इस झगडे में श्री पटेल के सिर में जबकि श्री सिंग के हाथ में चोट आई। विवाद के बाद दोनो पक्ष पुलिस थाने पहुंचे और एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने मेडिकल परीक्षण करवाकर दोनो के विरुद्ध प्रकरण कायम कर लिया है।

प्रभारी प्राचार्य सह प्रभारी बीईओ बीपी पटेल ने पुलिस को बताया कि शिक्षक श्री सिंग ने उनसे उनकी गोपनीय चरित्रावली आलीराजपुर सहायक आयुक्त कार्यालय भिजवाने का कहा था। उपरोक्त कार्यालय से चरित्रावली भिजवाए जाने का कोई आदेश/पत्र नहीं था। संस्था का बाबू भी अवकाश पर था। बाद में आने की बात पर चीढ़ कर अपशब्दो का इस्तेमाल करते हुए वे हाथपाई पर उतर आए। श्री पटेल ने श्री सिंग द्वारा पूर्व में किए गए विवादो से भी पुलिस को अवगत कराया।

दूसरी और एलबी सिंग ने अपनी शिकायत में बताया कि शासन के नियमानुसार बारह वर्ष की सेवा अवधि उपरांत वे क्रमोन्नती के हकदार है किंतु श्री पटेल उनकी सीआर जिला कार्यालय को नहीं भेज रहे है। उन्हे दो माह का एरियर भी नही मिला है। एसे ही उनकी शिक्षिका पत्नी मंजू सिंह का दिसंबर 11 से अगस्त 12 तक 10 माह का वेतन श्री पटेल द्वारा नहीं निकाले जाने और मंजू सिंह को एमएससी अध्ययन की अनुमति के लिए अनेक चक्कर लगवाने के बाद भी अनुमति नही देने तथा शुक्रवार को इसी संबध में चर्चा के दौरान श्री पटेल पर अपषब्दो का इस्तेमाल करने और मारपीट का आरोप लगाया है।

‘‘विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगी हुई है और एसे में प्रभारी प्राचार्य और शिक्षक का विद्यालय परिसर में अपषब्दों का इस्तेमाल करना, मारपीट जैसे कृत्यो पर उतर जाना षिक्षा के मंदिर पर कलंक है। बच्चों और पालको में इसका गलत संदेष गया है। प्रषासन को निष्पक्ष तौर पर मामले में कार्रवाई करना चाहिए।’’ कमरुभाई अजनार जनपद सदस्य ज.पं. उदयगढ़

‘‘शुक्रवार को विद्यालय परिसर में घटीत घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है, बच्चों को षिक्षा देने वाले षिक्षकों का आचरण ही इस तरह का होगा तो बच्चों के भविष्य की चिंता लाजमी है। प्रषासन को मामले में कडी कार्रवाई करना चाहीए।’’ नरसिंह चौहान- अध्यक्ष जनपद षिक्षा समिति उदयगढ़

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