मध्यप्रदेश के उज्जैन में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही चौदह नर्सों ने प्रबंधन पर उन्हें देह व्यापार में धकेलने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
इन नर्सों ने दो दिन पहले पुलिस को की गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि महाविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी किशन किदवाल और अस्पताल के अधीक्षक अशोक महाकाल (गौड़) ने उन्हें धन कमाने का लालच देकर देह व्यापार में शामिल होने के लिए कहा और खुद भी उनका दैहिक शोषण करने का प्रयास किया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्थानीय निजी आरडी गार्डी चिकित्सा महाविद्यालय की 14 प्रशिक्षार्थी नर्सों ने आरोप लगाया है कि महाविद्यालय प्रबंधन, उन्हें देह व्यापार में जाने के लिए बाध्य कर रहा है।
पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने इस घटना की जानकारी छात्रावास अधीक्षक मरियम को दी थी, लेकिन उसने उन्हें इस मामले में चुप रहने की सलाह दी. इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मंगलवार को मरियम को गिरफ्तार कर लिया और बाद में उसे अदालत से जमानत मिल गई. किदवाल और महाकाल फरार हो गए, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
दूसरी ओर, महाविद्यालय प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि चूंकि आरोप लगाने वाली प्रशिक्षार्थी नर्सें रात की पाली नहीं करना चाहती हैं, इसलिए उन्होंने प्रबंधन के विरुद्ध झूठी शिकायत की है.
वहीं, राज्य महिला आयोग की सदस्य स्नेहलता उपाध्याय मंगलवार को महाविद्यालय पहुंचीं और मामले की पड़ताल करते हुए ‘डीन’ डॉ जेके शर्मा, अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा, अतिरिक्त ‘डीन’ डॉ एके सिंह और नर्सिंग महाविद्यालय प्रभारी लता सेठी से भी मुलाकात की.
बताया जाता है कि इन चारों ने स्नेहलता को बताया कि ये प्रशिक्षार्थी नर्सें जिले की जावरा कस्बा स्थित एक नर्सिंग महाविद्यालय की हैं और चूंकि वे रात्रिकालीन पाली नहीं करना चाहती हैं, इसलिए उन्होंने प्रबंधन के विरुद्ध निराधार आरोप लगाये हैं.
उन्होंने पुलिस अधीक्षक से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.