इंदौर। आचार संहिता लागू होने के बाद से हो रही शिकायतों व कार्रवाई से नाराज भाजपा नेता शनिवार दोपहर आईजी व कलेक्टर से मिलने आईजी ऑफिस पहुंचे। यहां उन्होंने पुलिस और अधिकारियों द्वारा की जा रही सख्ती पर कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे आचार संहिता लगने के बाद शहर में आपातकाल लग गया हो। नेताओं को धार्मिक उत्सवों में जाने से भी रोका जा रहा है।
इस पर आईजी विपिन माहेश्वरी व कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने साफ कर दिया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर ही कार्रवाई की जा रही है, यदि कहीं गलत कार्रवाई की है तो जरूर उस पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन आचार संहिता का पालन तो कराया जाएगा। राज्यमंत्री महेंद्र हार्डिया, महापौर कृष्णमुरारी मोघे, सांसद सुमित्रा महाजन, विधायक मालिनी गौड़, सुदर्शन गुप्ता व रमेश मेंदोला, भाजपा नगराध्यक्ष शंकर लालवानी, भंवरसिंह शेखावत, अंजू माखीजा, कमल वाघेला व अन्य नेताओं ने करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बात की और ज्ञापन देकर लौट गए।
- भाजपा नेता- आचार संहिता के नाम पर पुलिस द्वारा चौराहों पर काफी सख्ती की जा रही है।
- आईजी- चुनाव आयोग के निर्देश पर ही पूरी कार्रवाई की जा रही है, इसमें गलत कुछ नहीं है।
- शंकर लालवानी- गरबोत्सव चल रहे हैं, यदि कोई नेता संरक्षक है तो वह जाएगा ही, इसमें भी रोक है क्या?
- आईजी- नहीं, जाने पर रोक नहीं है, लेकिन वहां चुनाव प्रचार करना, धार्मिक आयोजन का राजनीतिक लाभ उठाना संहिता का उल्लंघन है। राजनीतिक व्यक्ति अतिथि नहीं, आम नागरिक बनकर जा सकता है। वहां कोई भाषण नहीं दिया जा सकता।
- भंवरसिंह शेखावत- संहिता के नाम पर ऐसी सख्ती तो 1975 के आपातकाल में भी नहीं देखी, यह तो ज्यादती है।
- कलेक्टर- ज्यादती नहीं है। केवल आयोग के निर्देशों का पालन हो रहा है।
- शेखावत- ज्यादती ही है, चौराहों पर वाहनों से नेम-प्लेट और पार्टी के चिह्न् निकाले जा रहे हैं। आम लोगों की गाड़ियां रोकी जा रही है। तीन हजार रुपए का जुर्माना बनाया जा रहा है।
- आईजी- इस तरह सख्ती के निर्देश नहीं दिए हैं, ऐसा हुआ है तो दिखवा लेते हैं। कोई मनमानी कर रहा है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
- सांसद- अब विधानसभा चुनाव हैं तो क्या मेरी गाड़ी से सांसद का बोर्ड भी हटाओगे? संसद तो भंग नहीं हुई और मैं सांसद भी हूं।
- महापौर- पाइपलाइन फूट गई है, उसे सुधारना है लेकिन उससे हमें रोका जा रहा है, इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया जा रहा है।
- कलेक्टर- नहीं, केवल नए काम पर रोक है, मेंटेनेंस के काम तो हो सकते हैं।
- सुदर्शन गुप्ता- मेरे क्षेत्र में खंबों पर लाइट लगाने का काम स्वीकृत है, लेकिन उसे करने से रोका जा रहा है।
- कलेक्टर- पुराने मंजूर काम जो शुरू हो चुके थे, वह जारी रखे जा सकते हैं, लेकिन यदि टेंडर जारी होने के बाद भी आचार संहिता तक वह काम शुरू नहीं हुए थे तो अब चालू नहीं किए जा सकेंगे।