भोपाल। सिंधिया के आने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति निश्चित रूप से मजबूत हुई है और बार बार एकजुट कांग्रेस दिखाने का उपक्रम भी जारी है परंतु आज मीडिया में एक साथ दो तरह के बयान चर्चा में आ गए हैं। भास्कर के बातचीत में दिग्गी ने कहा कि सीएम का फैसला विधायक करेंगे जबकि टीवी चैनल से चर्चा में सिंधिया ने कहा कि फैसला सोनिया करेंगी।
हम यहां दोनों के बयान पेश कर रहे हैं आप भी पढ़िए क्या कुछ कहा दोनों नेताओं ने:-
सोनिया तय करेंगी सीएम का नाम: सिंधिया
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात को खारिज किया है कि उन्हें मध्यप्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस का एकजुट चेहरा पेश करने का प्रयास करते हुए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को इस बात को खारिज किया कि उन्हें कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा रहा है.
सिंधिया ने कहा, ‘‘फूट के बीज न बोयें. चुनाव लड़ने में हम सब एकजुट हैं और नये नेता का निर्णय सोनिया गांधी और राहुल गांधी द्वारा विधायकों से विचार विमर्श के बाद किया जायेगा.’’
सिंधिया से सवाल किया गया था कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। मध्य प्रदेश में नेतृत्व के मुद्दे पर पूछे गये सभी सवालों के जवाब में सिंधिया का यही कहना था, ‘‘कांग्रेस सभी मोर्चों पर एकजुट है. उसके सभी कैडरों के बीच उत्साह है. जनता बदलाव चाहती है. मध्य प्रदेश में जब तक इस ‘‘भ्रष्ट सरकार’’ को उखाड़ नहीं फेंकते तब तक हम अपना प्रयास जारी रखेंगे. कांग्रेस एक है.’’
42 वर्षीय सिंधिया को मध्य प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उन्हें राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा शासित सरकार के मुकाबले के लिए कांग्रेस के एक नये चेहरे के रूप में देखा जा रहा है।
विधायक तय करेंगे सीएम का नाम: दिग्विजय सिंह
भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में जो विकास दिख रहा है, उसकी बुनियाद कांग्रेस शासनकाल में रखी गई थी। दिग्विजय ने चुनौती दी कि शिवराज बताएं कि उन्होंने लीक से हटकर कौन सा काम किया है? यदि वे मेरे शासन से अपने कामों की तुलना कर रहे हैं तो खुली बहस करें। कांग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में विधायकों द्वारा अपना नेता चुनने की परंपरा है।
सवाल : कांग्रेस इस बार संगठित होकर चुनाव लड़ रही है। आपको प्रदेश में पार्टी का भविष्य कैसा लगता है?
जवाब : इस बार और पिछली बार भी जनता में भाजपा के खिलाफ आक्रोश था परंतु हम लोग अपना कैंपेन ठीक से नहीं चला पाए। इसलिए सफलता नहीं मिली। इस बार हमारी तैयारी काफी बेहतर है। हम संगठित होकर प्रचार कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बार हम सफल होंगे।
सवाल : कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है?
जवाब : जब तक दोनों दलों के उम्मीदवार घोषित न हो जाएं। तब तक यह कहना मुश्किल है, लेकिन माहौल भाजपा के पक्ष में नहीं है। जमीनी हकीकत और मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, उनमें बहुत अंतर है।
सवाल : कर्नाटक फॉर्मूला लागू करने की बार-बार बात होती है। क्या है फॉर्मूला?
जवाब : कोई फॉर्मूला नहीं है। कर्नाटक में चुनाव प्रचार और उम्मीदवारों का चयन संगठित तरीके से हुआ और हम जीते। यहां भी कुछ क्राइटेरिया बनाया है, जिसके आधार पर टिकट दिए जाएंगे।
सवाल : जिन नेताओं ने पिछला चुनाव पार्टी के खिलाफ लड़ा था, क्या उनको भी टिकट दिया जाएगा?
जवाब : यदि वे अब भी लोकप्रिय हैं और चुनाव जीतने की ताकत रखते हैं तो उन्हें मौका दिया जा सकता है।
सवाल : ऐसा माना जाता है कि आपके शासनकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं दिया गया। इस चुनाव में पार्टी रोडमैप जनता के सामने रखेगी?
जवाब : मैं आपको बताता हूं, जो विकास दिख रहा है, उसकी बुनियाद मेरे शासनकाल में रखी गई थी। पेड़ कोई लगाता है, फल कोई और खाता है। हमने पावर प्रोजेक्ट्स बनाए थे, उनमें जेनरेशन अब चालू हुआ है। केंद्र सरकार के मेगा पावर प्रोजेक्ट्स भी लगने लगे हैं। वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। हकीकत यह है कि जो प्लांट लोड फैक्टर (बिजली उत्पादन क्षमता) कांग्रेस शासनकाल में 42 से बढ़कर 73 प्रतिशत पर आ गया था, अब फिर घटकर 56 प्रतिशत पर आ गया है।
सवाल : सड़कों के बारे में कुछ कहेंगे?
जवाब : हमने टोल रोड में प्रावधान किया था कि यदि सड़क चलने लायक नहीं होगी तो टोल टैक्स वसूलने का अधिकार ठेकेदार को नहीं होगा। वह शर्त भाजपा सरकार ने हटा दी। सड़कों के लिए हमने एडीबी से लोन लिया था। उस राशि का अब उपयोग हो रहा है। ठेका उसे मिलता है, जिसे दिलीप सूर्यवंशी दिलाना चाहते हैं। प्रदेश की अधिकांश सड़कें दिलीप बिल्डकॉन ने बनाई हैं। इन सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए एक बारिश में खराब हो गईं।
सवाल : मुख्यमंत्री की योजनाएं तो बहुत पॉपुलर हैं?
जवाब : (मुस्कुराते हुए)। लाड़ली लक्ष्मी योजना में इतनी शर्तें लगा दी गई हैं कि जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कन्यादान योजना में कमीशनबाजी के चलते घटिया सामग्री दी जा रही है। मैं उनसे (शिवराज) पूछना चाहता हूं कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए क्या किया? पानी रोको अभियान के क्रियान्वयन पर ध्यान क्यों नहीं दिया? वे बताएं कि लीक से हटकर कौन सा काम किया है?
सवाल : भाजपा हमेशा यह प्रचार करती है कि मप्र में कांग्रेस में गुटबाजी है। क्या आपको भाजपा में गुटबाजी नजर नहीं आती?
जवाब : गुटबाजी हर राजनीतिक पार्टी में है, इसलिए हम इस पर ध्यान नहीं दे रहे, लेकिन इस बार हम एकजुटता के साथ चुनाव लड़ रहे हैं।
सवाल : सिंधिया को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट क्यों नहीं किया जा रहा? क्या चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं होता?
जवाब : ऐसा नहीं है। चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष होना अलग बात है। मेरे समय में मोतीलाल वोरा इस समिति के अध्यक्ष थे। वैसे भी कांग्रेस में परंपरा रही है कि निर्वाचित विधायक ही अपने नेता का चुनाव करते हैं।
सवाल : भाजपा हमेशा आपके दस साल और शिवराज के कार्यों की तुलना करती है। क्या आपने जनता के लिए कुछ नहीं किया था?
जवाब : किसने ज्यादा काम किया? इस पर मुख्यमंत्री जहां चाहें, जब चाहें, मैं खुली बहस करने के लिए तैयार हूं। यदि शिवराज ने वास्तव में प्रदेश का भला किया है तो उन्हें बहस के लिए तैयार होना चाहिए।